ओबीसी के वर्गीकरण के लिए गठित रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट पर सरकार ने दिया जवाब

WhatsApp Channel Join Now
नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंदर वर्गीकरण की जांच के लिए गठित रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। आयोग का कार्यकाल 31 जुलाई, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

दरअसल, तमिलनाडु के राज्यसभा सांसद डॉ. अंबुमणि रामदास ने बुधवार को एक अतारांकित सवाल में पूछा था कि क्या सरकार रोहिणी आयोग रिपोर्ट के ब्योरे को प्रकट करेगी? क्या सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश की तर्ज पर अखिल भारतीय स्तर पर मेडिकल सीटों में 27 प्रतिशत ओबीसी कोटा लागू करने के लिए कोई कदम उठाया है?

इस सवाल का लिखित में जवाब देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि रोहिणी आयोग अर्थात ओबीसी के उप-श्रेणीकरण की जांच करने के लिए गठित आयोग को अपनी रिपोर्ट अभी प्रस्तुत करनी है। इसलिए ऐसी रिपोर्ट की जानकारी देने का सवाल नहीं उठता। उन्होंने बताया कि आयोग का कार्यकाल 31 जुलाई, 2021 तक बढ़ा दिया गया है, ताकि आयोग सौंपे गए कार्य को पूरा कर सके। मंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर सूचना जुटाई जा रही है।

बता दें कि अक्टूबर 2017 को संविधान के अनुच्छेद 340 के अंतर्गत रिटायर्ड जस्टिस जी रोहिणी की अध्यक्षता में इस आयोग की स्थापना की गई थी। आयोग ने 11 अक्टूबर 2017 को काम शुरू कर दिया था। निर्धारित समय में आयोग अपना काम पूरा नहीं कर सका, जिस पर सरकार ने कार्यकाल बढ़ा दिया है।

आयोग को ओबीसी के उप-श्रेणीकरण पर रिपोर्ट पेश करनी है। दरअसल, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की वर्तमान सूची में शामिल कई समुदायों को सरकारी नियुक्ति और केन्द्र सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में ओबीसी के लिए निर्धारित आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सरकार ओबीसी के अंदर वर्गीकरण के जरिए सभी समुदायों तक आरक्षण का लाभ पहुंचाने के लिए रोहिणी आयोग गठित की है।

--आईएएनएस

एनएनएम-एसकेपी

Share this story