कृषि उत्पादक समर्थन को फिर से व्यवस्थित करें: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

कृषि उत्पादक समर्थन को फिर से व्यवस्थित करें: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टनई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक नई रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने वाले प्रोत्साहनों का पुन: उपयोग ना करने का आह्वान किया गया है, जो कि मूल्य विकृत और पर्यावरण और सामाजिक रूप से हानिकारक है। एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि उत्पादक समर्थन को समाप्त करने के बजाय पुन: रिकॉन्फिगर करने से जलवायु परिवर्तन से बेहतर तरीके से लड़ने में मदद मिलेगी।

खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा मंगलवार देर रात लॉन्च की गई रिपोर्ट ने पाया है कि उत्पादकों को वर्तमान समर्थन में ज्यादातर मूल्य प्रोत्साहन शामिल हैं। ये मूल्य प्रोत्साहन जैसे आयात शुल्क और निर्यात सब्सिडी, साथ ही राजकोषीय सब्सिडी एक विशिष्ट वस्तु और इनपुट के उत्पादन से जुड़ी हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये अक्षम हैं, खाद्य कीमतों को विकृत करते हैं, लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं, पर्यावरण को खराब करते हैं, और अक्सर असमान होते हैं। बड़े कृषि व्यवसाय को छोटे किसानों से आगे रखते हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा महिलाएं हैं।

कृषि क्षेत्र में उत्पादकों का वैश्विक समर्थन प्रति वर्ष 540 अरब डॉलर है, जो कुल कृषि उत्पादन मूल्य का 15 प्रतिशत है। 2030 तक, यह तीन गुना से अधिक 1.759 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।

2030 के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के संयुक्त राष्ट्र के दशक को साकार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट के निष्कर्षों में कहा गया है कि फिर भी इस समर्थन का 87 प्रतिशत, लगभग 470 बिलियन डॉलर, मूल्य विकृत और पर्यावरणीय और सामाजिक रूप से हानिकारक है।

रिपोर्ट को 2021 फूड सिस्टम्स समिट (सितंबर), सीओपी 15 ऑन बायोडायवर्सिटी (अक्टूबर) और सीओपी 26 ऑन क्लाइमेट चेंज (नवंबर) से पहले लॉन्च किया गया था। ये आयोजन सरकारों को पुरानी कृषि सब्सिडी पर पुनर्विचार करने, कोविड के बाद के युग के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करने, ऐसी रणनीति के लिए प्रतिबद्ध होने और इसके कार्यान्वयन के समन्वय और निगरानी के लिए बहुपक्षीय प्रतिबद्धताओं की अनुमति देंगे।

2020 में, दुनिया में 811 मिलियन लोगों को भूख का सामना करना पड़ा और दुनिया में लगभग तीन लोगों में से एक (2.37 बिलियन) के पास साल भर तक पर्याप्त भोजन की पहुंच नहीं थी। 2019 में, दुनिया के हर क्षेत्र में लगभग तीन अरब लोग स्वस्थ आहार का खर्च नहीं उठा सकते थे।

रिपोर्ट का हवाला देते हुए यूएनडीपी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज अधिकांश कृषि समर्थन का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लगभग 110 अरब डॉलर बुनियादी ढांचे, अनुसंधान और विकास का समर्थन करता है, और सामान्य खाद्य और कृषि क्षेत्र को लाभ पहुंचाता है।

साथ ही भी यह भी कहा गया कि कृषि उत्पादक समर्थन को समाप्त करने के बजाय इसे फिर से रिकॉन्फिगर करने से गरीबी समाप्त करने, भूख मिटाने, खाद्य सुरक्षा हासिल करने, पोषण में सुधार, टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने, टिकाऊ खपत और उत्पादन को बढ़ावा देने, जलवायु संकट को कम करने, प्रकृति को बहाल करने, प्रदूषण को सीमित करने और असमानताओं को कम करने में मदद मिलेगी।

--आईएएनएस

एमएसबी/आरजेएस

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