पंजाब में शहरी विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा की नजर
अपनी चल रही रणनीति के तहत, भाजपा पहले से ही राज्य भर में फैली पंजाब की लगभग तीन दर्जन शहरी सीटों पर फोकस कर रही है। पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि शहरी निर्वाचन क्षेत्र अब पूरे राज्य में फैले हुए हैं और वहां के मतदाताओं की पंजाब के अन्य हिस्सों में अलग-अलग आकांक्षाएं हैं।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, पंजाब के शहरी मतदाता समृद्धि के साथ शांति चाहते हैं और वे उस पार्टी का समर्थन करेंगे, जो दोनों का वादा करती है। पहले उन्होंने भी भाजपा का समर्थन किया था, अब हम अगले राज्य चुनावों में उनके समर्थन को वापस जीतने पर काम कर रहे हैं।
भगवा खेमा यह भी मानता है कि भाजपा को उस तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा, जैसा कि पंजाब के ग्रामीण इलाकों में चल रहे किसान आंदोलन के कारण हो रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों का किसान पिछले एक साल से विरोध कर रहे हैं।
पार्टी के एक नेता ने कहा, किसानों के विरोध का शहरी क्षेत्रों में कम प्रभाव पड़ता है और शहरी मतदाता विकास के अलावा कई अन्य मुद्दों पर मतदान करते हैं और उन्होंने राज्य की प्रगति के लिए शांति के महत्व को भी महसूस किया है।
भाजपा अपने सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले साल गठबंधन से अलग होने के बाद पहली बार पंजाब में अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। 2017 के पिछले पंजाब विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 23 में से केवल तीन में जीत हासिल की थी।
पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि इन 35 विधानसभा क्षेत्रों में 23 सीटें भी शामिल हैं, जिन पर भाजपा दो दशकों से अधिक समय से अकाली दल के साथ गठबंधन के दौरान चुनाव लड़ती थी।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब प्रभारी दुष्यंत गौतम ने आईएएनएस से कहा कि पार्टी सभी 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने और जीतने जा रहे हैं और भाजपा ने पूरे राज्य में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में विस्तार किया है।
--आईएएनएस
एचके/एएनएम
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