धार्मिक रूपांतरण: ईसाई मिशनरियों का सर्वेक्षण करेगी कर्नाटक सरकार

धार्मिक रूपांतरण: ईसाई मिशनरियों का सर्वेक्षण करेगी कर्नाटक सरकारबेंगलुरु, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने अधिकारियों को राज्य में कार्यरत आधिकारिक और नॉन आफिशियल ईसाई मिशनरियों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है।

यह आदेश राज्य में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की चर्चा की पृष्ठभूमि में जारी किया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण समिति की बुधवार को विकास सौध में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

विधायक गूलीहट्टी शेखर, पुत्तरंगा सेट्टी, बी.एम. फारूक, विरुपक्षप्पा बेल्लारी, अशोक नाइक और अन्य ने बैठक में भाग लिया और इस मामले पर चर्चा की। समिति ने मिशनरियों को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं और समिति ने ईसाई मिशनरियों के पंजीकरण पर भी चर्चा की।

समिति के सदस्यों ने धर्मांतरण करने वालों को सरकारी सुविधाएं वापस लेने का सुझाव दिया है। भाजपा विधायक गूलीहट्टी शेखर ने कहा कि उपलब्ध प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, राज्य में चल रहे 40 प्रतिशत चर्च अनौपचारिक हैं। इस संबंध में आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। समिति ने राज्य में सक्रिय गैर-सरकारीमिशनरियों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दोहराया है कि सरकार राज्य में जबरन धर्मांतरण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून लाएगी। उन्होंने कहा, सरकार देश में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा इस संबंध में लागू कानूनों का अध्ययन कर रही है। इस संबंध में कानून जल्द ही कर्नाटक में लागू किया जाएगा।

बीजेपी विधायक गूलीहट्टी शेखर ने मॉनसून सत्र के दौरान धर्म परिवर्तन का मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उन्होंने दावा किया कि उनकी मां को उनकी जानकारी के बिना परिवर्तित किया गया और ईसाई मिशनरियों ने उन लोगों पर झूठे अत्याचार और दुष्कर्म के मामले थोपे जिन्होंने उनकी धर्मांतरण गतिविधियों पर सवाल उठाया था। उन्होंने घर वापसी भी शुरू की है, जो ईसाइयों के हिंदू धर्म में धर्मांतरण की सुविधा के लिए एक पहल है।

--आईएएनएस

एसएस/आरजेएस

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