जामिया: पंचायती राज, महिला साक्षरता और विकास पर ऑनलाइन व्याख्यान

जामिया: पंचायती राज, महिला साक्षरता और विकास पर ऑनलाइन व्याख्यानदिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रौढ़ सतत शिक्षा और विस्तार विभाग (डीएसीईई) ने बुधवार को पंचायती राज के माध्यम से महिला साक्षरता और विकास ऑनलाइन विशिष्ट व्याख्यान की मेजबानी की। प्रख्यात प्रोफेसर वंदना चक्रवर्ती पूर्व प्रो-वाइस चांसलर, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, मुंबई ने इस दौरान विशिष्ट व्याख्यान दिया।

प्रोफेसरवंदना ने अकादमिक रूप से उच्च शिक्षा, अनुसंधान और प्रौढ़ साक्षरता के क्षेत्र में भी योगदान दिया है। उनके अनुकरणीय योगदान के लिए वह टैगोर साक्षरता पुरस्कार (2015), भास्कर कर्वे पुरस्कार (2015) और निरंजना पुरस्कार (2019) से सम्मानित हैं। उनके नेतृत्व में, उनके विभाग को प्रौढ़ सतत शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए एनएलएम-यूनेस्को पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अपने व्याख्यान में प्रो वंदना ने चर्चा की कि कैसे 73वें और 74वें संशोधन से पंचायती राज में महिला की भागीदारी पर असर पड़ा है। क्षेत्र में अपने स्वयं के क्रियात्मक शोधों से एकत्रित प्रासंगिक मामलों का हवाला देते हुए उन्होंने यह भी बताया कि कैसे पंचायती राज के तहत, महिलाओं की साक्षरता ने निर्णय निमार्ताओं के रूप में उनकी भूमिकाओं को मजबूत किया और कैसे वे सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुद्दों को उठाते हुए सतत विकास में सार्थक योगदान देने में सक्षम हुईं। उन्होंने बताया कि कैसे महिला साक्षरता ने महिला सशक्तिकरण में योगदान दिया और मुखियापति के गढ़ को चुनौती दी ।

प्रोफेसर थॉमस जे सॉर्क, प्रोफेसर, एडल्ट लनिर्ंग एंड एजुकेशन, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय, वैंकूवर, कनाडा ने सत्र की अध्यक्षता की। 40 से अधिक वर्षों के शानदार करियर के साथ, प्रोफेसर सॉर्क को भारत, जर्मनी, न्यूजीलैंड और बोत्सवाना के साथ विश्व स्तर पर सहयोग के लिए जाना जाता है। लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी ने उन्हें एडल्ट लनिर्ंग और ग्लोबल चेंज में तीन-विश्वविद्यालय की ऑनलाइन मास्टर प्रोग्राम की योजना बनाने में मदद करने के लिए स्वीडन में मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया, जो प्रोग्राम अब भी 20 वर्षों से चल रहा है। वर्तमान में वह इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कम्पेरेटिव एडल्ट एजुकेशन के अध्यक्ष हैं। वह इंटरनेशनल काउंसिल फॉर एडल्ट एजुकेशन के लिए उत्तरी अमेरिका के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम कर रहे हैं।

प्रोफेसर थॉमस जे सॉर्क ने भारत में अपनी कई यात्राओं के दौरान वयस्क शिक्षार्थियों के साथ अपने अनुभवों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं की साक्षरता और प्रशिक्षण में उपयुक्त शैक्षणिक ²ष्टिकोण हमेशा मुख्य होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने साक्षरता आंदोलन को मजबूत करने के लिए उचित संरचनात्मक समर्थन और संसाधनों को ध्यान में रखने की आवश्यकता दोहराई, क्योंकि सामाजिक परिवर्तन की गति को आगे की दिशा में बनाए रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है।

डॉ शिखा कपूर, विभाग, अध्यक्ष, डीएसीईई, जामिइ, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता सप्ताह समारोह की संयोजक और मोडरेटर थीं जिसकी शुरूआत कोन्सेप्चुअलाइजिन्ग लिटरेसी विषय पर 3 ऑनलाइन विस्तार व्याख्यान की मेजबानी के साथ 8 सितंबर 2021 को हुई अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता सप्ताह का समापन बुधवार के विशिष्ट व्याख्यान के साथ हुआ।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story