आईआईटी ने विकसित की सेना के लिए 3डी प्रिंटेड रक्षा संरचना

आईआईटी ने विकसित की सेना के लिए 3डी प्रिंटेड रक्षा संरचनानई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी ने भारतीय सेना के लिए 3डी प्रिंटेड रक्षा संरचना विकसित की है। भारतीय सेना के लिए 3डी प्रिंटेड रक्षा संरचनाओं का विकास आईआईटी गांधी नगर का प्रमुख कदम है। इस परियोजना ने आईआईटी ने 3डी प्रिंटेड संरचनाओं की उपयोगिता और कार्य का प्रदर्शन किया है।

3डी प्रिंटेड रक्षा संरचना विकसित करने में नेतृत्व और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए के आईआईटी गांधी नगर के सहायक प्रोफेसर डॉ मनीष कुमार को भारतीय सेना के प्रशस्ति कार्ड (सीने पर पहना जाने वाला बैज) से सम्मानित किया गया है।

लेफ्टिनेंट जनरल जय सिंह नैन, एवीएसएम, एसएम, भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) ने उन्हें भारतीय सेना में अनुकरणीय योगदान और सेवाओं की मान्यता के रूप में यह प्रशस्ति कार्ड प्रदान किया।

प्रोफेसर डॉ मनीष कुमार ने इस विषय पर कहा कि 3डी कंक्रीट प्रिंटिंग तकनीक में भविष्य के विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए काम करने की अपार संभावनाएं हैं।

यह काम श्री शशांक शेखर की पीएचडी थीसिस का एक हिस्सा था, जो आईआईटी गांधी नगर में सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी स्कॉलर और एमआईसीओबी प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक है। यह आईआईटी गांधीनगर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप सेंटर में इनक्यूबेट किया गया एक स्टार्टअप है।

आईआईटी के मुताबिक भारतीय सेना के कर्नल नवल जोशी और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पूर्व छात्र तथा एमआईसीओबी के टीम के सदस्यों ऋषभ माथुर और डॉ अंकिता सिन्हा ने भी इन रक्षा संरचनाओं के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस सम्मान को प्राप्त करने पर अपने विचार साझा करते हुए, प्रोफेसर मनीष कुमार ने कहा, मैं इस सम्मान से बहुत विनम्र महसूस कर रहा हूं। आईआईटी गांधीनगर में हम सभी के लिए यह वास्तव में बहुत संतोषजनक बात है कि हम भारतीय सेना में किसी तरह से योगदान दे सके। 3डी कंक्रीट प्रिंटिंग तकनीक में भविष्य के विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए काम करने की अपार संभावनाएं हैं। इस सम्मान के साथ, हम ऐसे अभिनव समाधान विकसित करने के लिए और अधिक ²ढ़ संकल्प महसूस करते हैं जो राष्ट्र की सेवा कर सकें।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के बारे में बात करते हुए, सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी स्कॉलर और एमआईसीओबी प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक, शशांक शेखर ने कहा, भारतीय सेना के लिए 3डी प्रिंटेड रक्षा संरचनाओं का विकास एमआईसीओबी के लिए एक प्रमुख कदम था। इस परियोजना ने हमारी 3डी प्रिंटेड संरचनाओं की उपयोगिता और कार्य का प्रदर्शन किया है। हम इस विकास का हिस्सा बनकर खुश हैं और विभिन्न स्तरों पर उपयोग के लिए सुरक्षित, किफायती, अनुकूलित और तेज निर्माण समाधान प्रदान करने के लिए तत्पर हैं।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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