अनोखा मंदिर जहां देवी मां को फूल-माला नहीं, चढ़ावा में चढ़ते हैं पत्थर

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भारत में हिन्दू धर्म के अनेकों मंदिर हैं। सभी मंदिर किसी न किसी देवी या देवता को समर्पित होते हैं। देवी या देवता को प्रसन्न करने के लिए कुछ मंदिर का अपना एक अलग तरीका भी होता है।जैसे किसी मंदिर में अलग तरीके से आरती की जाती है या देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष भेंट या उपहार चढ़ाए जाते हैं। तो कुछ देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विशेष भोग लगाए जाते हैं। खासकर देवी मां के मंदिरों में मां को प्रसन्न करने के लिए लाल चुनरी या वस्त्र, श्रृंगार का सामान और हलवे पूरी का भोग लगाया जाता है। लेकिन देवी मां का एक अनोखा मंदिर है जहां ये सब चढ़ावा नहीं चढ़ाया जाता है, बल्कि यहां मां को चढ़ावे में पत्थर चढ़ाए जाने की परंपरा है। ये अनोखा मंदिर है वनदेवी मंदिर।ये मंदिर देवी मां को समर्पित है और यहां भक्तजन देवी मां को प्रसन्न करने के लिए फल या फूल नहीं बल्कि पत्थर चढ़ाते हैं। 

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वनदेवी मंदिर कहां स्थित है?
देवी मां का ये प्रसिद्ध और अनोखा मंदिर, भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर शहर के पास खमतराई क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर में देवी मां को बाकी मंदिरों की तरह फल, फूल और मिठाई का भोग नहीं लगता है। यहां चढ़ावे के रूप में वनदेवी को केवल पत्थर ही चढ़ाए जाते हैं। यहां मुख्य तौर पर देवी को एक विशेष प्रकार के पत्थर चढ़ाए जाते हैं। इसको लेकर मंदिर के आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि, वनदेवी को एक विशेष प्रकार के पत्थर प्रिय होते हैं जो खेतों में पाए जाते हैं, इन पत्थरों को गोटा पत्थर कहा जाता है।

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मंदिर को लेकर मान्यता
वनदेवी को पत्थर चढ़ाने के पीछे मान्यता है कि यहां आकर देवी मां को 5 पत्थर चढ़ाने के बाद भक्तजन जो भी मनोकामना मांगते हैं, देवी मां की कृपा से वे सब मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस कारण दूर दूर से लोग यहां देवी मां के दर्शन करने और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए इस मंदिर में आते हैं और देवी मां को 5 पत्थर चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं। 

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