जीवन की परेशानियों से मुक्ति दिला सकता है बेंगलुरु का यह मंदिर, जानें यहां कैसे किया जा सकता है दर्शन

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बेंगलुरु में एक ऐसा मंदिर है जिसे दुखों की मुक्ति करने के लिए माना जाता है। इस मंदिर का इतिहास 1000 साल पुराना बताया जाता है। यह मंदिर चोल राजवंश द्वारा बनवाया गया था। यहां हर दिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यह मंदिर भोलेनाथ का मंदिर है। भगवान शिव के भक्त सोमवार के दिन यहां ज्यादा आते हैं। अगर आप इस एतिहासिक मंदिर के दर्शन का प्लान बना रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको मंदिर तक पहुंचने और इससे जुड़ी खान जानकारियों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

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मुक्ति नाथेश्वर मंदिर की खासियत
यह मंदिर बेंगलुरु के कंक्रीट के जंगल में स्थित है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर के दर्शन के लिए आपको शहर से थोड़ा दूर आना पड़ेगा। यहां पहुंचने के लिए आप गूगल मैप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको पतली गलियों से होते हुए गुजरना होगा। वैसे तो यह मंदिर छोटा है, लेकिन मंदिर के चमत्कार बड़े-बड़े माने जाते हैं। इस मंदिर को मनोकामना पूरी करने वाला मंदिर माना जाता है। मंदिर के छत पर शिव-शक्ति की नक्काशी देखने को मिलेंगी।

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यह मंदिर में आपको विशाल आकार के नंदी भी बैठे हुए नजर आएंगे।अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए सबसे पहले आपको भगवान शिव की तरफ नजर घुमानी है और फिर नंदी के कान में इच्छा बोलनी हैं।लोगों का मानना है कि ऐसा करने से भगवान शिव के दूत नंदी खुद लोगों की इच्छाओं को भोलेनाथ तक पहुंचाते हैं।दरवाजे के चौखटों को भी खूबसूरती से सजाया गया है। यहां दीवारों पर बड़े आकार की नक्काशी की गई है, जो चोल वास्तुकला का सबसे बड़ा उदाहरण पेश करती है।बेंगलुरु में घूमने के लिए यह अच्छी जगह में से एक है।

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मुक्ति नाथेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे
मंदिर 60 किमी दूर नेलमंगला तालुक में बिन्नमंगला में स्थित है। NH4 के रास्ते से होते हुए आप यहां आ सकते हैं।
आपको मंदिर तक पहुंचने में करीब 1 घंटे का समय लगेगा। लेकिन यकीन मानिए यहां की खुबसूरती देखकर आप खुश हो जाएंगे।
लोकेशन- 3CP9+X83, ज्योति नगर, नेलमंगला टाउन, कर्नाटक
समय- सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5:30 बजे से 8:30 बजे तक मंदिर खुला रहता है।


 

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