वो रहस्यमयी मंदिर जहां निसंतानों को मिलती है संतान, चींटियों ने बनाया था इसका नक्शा

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हिमाचल प्रदेश के करसोग की पहाड़ियों के बीच एक रहस्यमय मंदिर है चिंदी माता मंदिर. इस मंदिर की देवी मां चंडी हैं. किस्से कहानियों और रहस्यमय से भरा ये मंदिर शिमला के रास्ते में पर करसोग से 13 किमी पीछे स्थित है. माता रानी को समर्पित ये मंदिर काफी प्राचीन है और भक्तों की इस मंदिर पर गहरी आस्था है. वहीं ये रहस्यमय मंदिर हिमालय के आकर्षण का केन्द्र भी है.

चिंदी माता मंदिर को कई चीजें खास बनाती है इसका रहस्यमयी इतिहास. इसकी प्राचीन आठ भुजाओं वाली पत्थर से बनी मूर्ति और लोगों की इस मंदिर के लिए आस्था. कहा जाता है कि निसंतानों का मां संतान का वरदान देती हैं. वहीं एक खास बात इस मंदिर का नक्शा चींटियों ने बनाया था.

Chindi Mata': A temple in Himachal mapped by ants

रहस्यमयी इतिहास
कहा जाता है कि चिंदी माता मंदिर का नक्शा किसी इंसान के हाथ से नहीं, बल्कि मेहनती चींटियों ने तैयार किया था. सदियों से चल रही कहानियों की मानें तो माता रानी की कन्या रूप में प्रकट हुई थी. चींटियों की डोर बनाकर नक्शा तैयार किया था और माता ने मंदिर का निर्माण खुद किया था. मान्यताओँ के अनुसार नक्शे की जानकारी माता ने पंडित को स्वप्न में आकर दी थी. इतना ही नहीं उसके बाद मंदिर के तालाब और भंडार का नक्शा भी चींटियों ने ही बनाया था.

मंदिर की रूपरेखा
ये मंदिर लकड़ी से बना है और देखने बेहद आकर्षक और सुंदर लगता है, इस मंदिर में कई मंजिलें हैं, छतों पर कुलदेवताओं के प्रतीक उकेरे गए हैं. इसकी छत पर लकड़ी से बना हिरण का सिर लगा है.लकड़ी से ही उड़ती चीलें भी छतों पर दिखाई देती हैं. वहीं इसके मुख्य दरवाजे पर लकड़ी के बाघ की मूर्तियाँ लगी हैं ऐसा लगता है वो पहरा दे रही हों. गर्भगृह की दीवारों पर हिंदू धर्मग्रंथों के निशान मिलते हैं. वहीं इस मंदिर के बाहर एक बावड़ी भी है जो मंदिर को और खास बनाती है.

निसंतानों की मिलती है संतान
चिंदी माता मंदिर में सदियों से भक्त दूर-दूर से दर्शन को आते हैं, माता चंडी पर भक्तों की अटूट आस्था है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाले निसंतान भक्तों को संतान की प्राप्ति होती है.

माता सदा करती हैं यहां वास
मां इस मंदिर को छोड़कर कहीं नहीं जाती. पौराणिक कथाओं कि मानें तो एक बार सुकेत रियासत के राजा लक्ष्मण सेन ने माता को सुंदरनगर लाने की कोशिश की लेकिन उसकी सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई. चौखट से बाहर आते ही अष्टधातु की मूर्ति काली पड़ गई और राजा को मां का क्रोध झेलना पड़ा, जिसके बाद राजा को अक्ल आयी और उसने मां से माफी मांगी.

वो रहस्यमयी मंदिर, जिसका चींटियों ने बनाया था नक्शा, निसंतानों काे मिलती है  संतान! | A mysterious temple in Himachal, its map was made by ants,  childless people get children here!

साल में दो बार माता आती हैं बाहर
2 से 4 अगस्त तक चिंदी माता मेला लगता है, इस दौरान भक्तों का तांता लगता है क्योंकि मां इन दिनों में अपने भक्तों को दर्शन देने बाहर आती हैं. साल में केवल दो बार ही मां बाहर निकलती हैं.

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