Prayagraj Hanuman Temple: एकलौता मंदिर जहां लेटे हुए हनुमान जी की होती है पूजा, जानें क्या है इस मूर्ति का रहस्य

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भारत में धार्मिक पर्यटन का महत्व अत्यधिक है, और ऐसे कई स्थल हैं जो भक्तों और पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में स्थित लेटे हनुमान का मंदिर भी एक ऐसा ही स्थल है, जो धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस मंदिर का संबंध भगवान हनुमान से है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं और जिनकी पूजा में विशेष रूप से भक्ति और श्रद्धा का भाव होता है।

लेटे हनुमान मंदिर को लेकर कई धार्मिक किंवदंतियाँ और कथाएँ प्रचलित हैं, और यह मंदिर भारत के अन्य हनुमान मंदिरों से थोड़ा अलग और अनोखा है, क्योंकि यहाँ भगवान हनुमान की प्रतिमा लेटे हुए रूप में स्थित है।

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लेटे हनुमान का इतिहास

प्रयागराज का लेटे हनुमान मंदिर भारतीय धार्मिक स्थल है जो शहर के प्रसिद्ध संगम क्षेत्र के नजदीक स्थित है। इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना माना जाता है और यह मंदिर प्राचीन काल से यहाँ स्थित है। यह मंदिर भगवान हनुमान के लेटे हुए रूप की पूजा करता है, जिसमें हनुमान जी अपनी पूरी भुजाओं और पैरों के साथ आराम से लेटे हुए दिखते हैं।

किंवदंती के अनुसार, जब भगवान राम ने राक्षसों से युद्ध किया, तो हनुमान जी उनके साथ थे और उन्हें अनेक मोर्चों पर सहायता प्रदान की थी। एक बार हनुमान जी को अत्यधिक थकावट महसूस हुई और उन्होंने विश्राम करने का निश्चय किया। उसी समय उन्हें प्रयागराज के इस स्थान पर आराम करने का अवसर मिला और यहीं पर उन्होंने लेटे हुए विश्राम किया। इसके बाद से इस स्थान को हनुमान जी के लेटे हुए रूप का स्थल माना गया।

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लेटे हनुमान की मूर्ति और उसकी विशेषताएँ

लेटे हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान की प्रतिमा विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यह प्रतिमा लगभग 20 फीट लंबी है और इसमें हनुमान जी लेटे हुए मुद्रा में दिखाई देते हैं। उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है और दूसरी भुजा पेट पर रखी हुई है, जैसे वह विश्राम कर रहे हों। उनका चेहरा शांत और समर्पित दिखता है, और उनके शरीर पर हल्के गहनों के साथ-साथ तुलसी के पत्तों से सजावट की गई है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान हनुमान जी को संकट मोचक और भक्तों के दुखों का निवारण करने वाला माना जाता है। यही कारण है कि इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है और उन्हें अपने कष्टों से मुक्ति मिलती है। 

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भक्तों की श्रद्धा और मान्यता

लेटे हनुमान मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त आते हैं। भक्त यहाँ भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं, खासकर उन दिनों में जब रामनवमी या हनुमान जयंती जैसे बड़े धार्मिक उत्सव होते हैं। ये दोनों तिथियाँ मंदिर में विशेष रूप से धूमधाम से मनाई जाती हैं। भक्तों का मानना है कि यहाँ पूजा करने से उनके सारे दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। 

इसके अलावा, हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति के चलते मंदिर में आने वाले लोग यहाँ पर विशेष रूप से सिंदूर, गुड़, बूंदी और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं। खासकर मंगलवार और शनिवार को मंदिर में विशेष भीड़ देखी जाती है, क्योंकि इन दिनों को हनुमान जी के प्रिय दिन माना जाता है। भक्त यहाँ मंत्रोच्चारण करते हैं और भगवान से शक्ति, साहस, और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।

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कैसे पहुंचे 

लेटे हनुमान मंदिर प्रयागराज के मुख्य शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यह संगम क्षेत्र के पास होने के कारण पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आसानी से पहुंचने योग्य है। संगम क्षेत्र, जहाँ गंगा, यमुन और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं, एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है और यहाँ के दर्शन करने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। 

प्रयागराज रेलवे स्टेशन और बस अड्डा इस मंदिर से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को यहाँ पहुँचने में कोई कठिनाई नहीं होती। इसके अलावा, शहर में अनेक होटलों और धर्मशालाओं के विकल्प उपलब्ध हैं, जहाँ भक्त रुक सकते हैं और आराम से मंदिर में पूजा अर्चना कर सकते हैं।

मंदिर में होने वाली प्रमुख अनुष्ठान और कार्यक्रम

लेटे हनुमान मंदिर में साल भर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों के दौरान विशेष पूजा-अर्चना, हवन, भजन संध्या, और भव्य रथ यात्रा होती है। सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध उत्सवों में हनुमान जयंती और रामनवमी होती हैं, जब मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है। भक्तों की आस्था और श्रद्धा का यह एक प्रतीक है कि कैसे लोग अपने दुखों से मुक्ति पाने के लिए भगवान हनुमान के चरणों में आकर उन्हें प्रणाम करते हैं।

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