Mahalaxmi Temple: धन की होगी बारिश...Akshaya Tritiya के मौके पर इस प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर का दर्शन करने पहुंच जाएं

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सनातन काल से हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी पूजनीय देवी-देवताओं में से एक हैं। करोड़ों लोग हर दिन धन की देवी की पूजा-पाठ करते हैं।मां लक्ष्मी की पूजा-पाठ करने की बात होती है, तो भारत में धनतेरस के अलावा, अक्षय तृतीया के मौके पर बड़े धूमधाम से की जाती है। अक्षय तृतीया के मौके पर देश के कई लक्ष्मी मंदिरों में लाखों श्रद्धालु अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं।दक्षिण भारत में स्थित पद्मावती मंदि एक ऐसा मंदिर है, जब अक्षय तृतीया के मौके पर देश के हर कोने से भक्त दर्शन और पूजा पाठ करने के लिए पहुंचते हैं। पद्मावती मंदि के दर्शन मात्र से भक्तों की मुरादें पूरी हो जाती हैं।इस आर्टिकल में हम आपको पद्मावती मंदि का इतिहास से लेकर पूजा-पाठ का समय और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। अक्षय तृतीया के मौके पर आप भी पहुंचें।

Where Is Padmavathi Temple

दक्षिण भारत में पद्मावती मंदिर कहां है? 

पद्मावती मंदिर की खासियत जानने से पहले यह जान लेते हैं कि यह दक्षिण भारत के किस राज्य और शहर में स्थित है। पद्मावती मंदिर दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश में तिरुपति जिले के तिरुचानूर में स्थित है। पद्मावती मंदिर को कई लोग श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर के नाम से भी जानते हैं।आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि पवित्र पद्मावती मंदिर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी मंदिर से कुछ ही दूरी पर मौजूद है। इसके अलावा, पद्मावती मंदिर आंध्र प्रदेश के नेल्लोर से करीब 133 किमी और तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 128 किमी की दूरी पर स्थित है।

History Of Padmavathi Temple
पद्मावती मंदिर का इतिहास 

पद्मावती मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। इस प्रसिद्ध मंदिर के निर्माण को लेकर कहा जाता है कि इसका इतिहास 8वीं शताब्दी से शुरू होता है। इतिहास के अनुसार 8वीं शताब्दी में पल्लवों द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था।
पद्मावती मंदिर के इतिहास को लेकर कुछ लोगों का मत है कि 8वीं शताब्दी के बाद 14वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य द्वारा इसका पुनर्निर्माण और विस्तार किया गया था। कहा जाता है कि मंदिर मंदिर की वास्तुकला में पल्लव, चोल और विजयनगर शैलियों का मिश्रण देखा जा सकता है।

Padmavathi Temple Mythology
पद्मावती मंदिर की पौराणिक मान्यता
पद्मावती मंदिर की पौराणिक मान्यता भक्तों की खूब आकर्षित करती है। देवी पद्मावती मंदिर को धन, वैभव और समृद्धि की देवी माना जाता है। यह मंदिर तिरुपति बालाजी यानी भगवान विष्णु की पत्नी देवी पद्मावती को समर्पित माना जाता है।
पद्मावती मंदिर को लेकर मान्यता है कि पद्मावती देवी का जन्म पद्म सरोवर नामक पवित्र झील से हुआ था और इसी जगह मंदिर का निर्माण किया गया। कहा जाता है कि आज भी मंदिर में देवी पद्मावती और भगवान विष्णु की विवाह को त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

Padmavathi Temple for devotees
श्रद्धालुओं के लिए क्यों खास है पद्मावती मंदिर 
पद्मावती मंदिर सिर्फ आंध्र प्रदेश का ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का एक प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर माना जाता है। इसलिए यहां देश के हर कोने से भक्त अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं। धनतेरस और अक्षय तृतीया के मौके मंदिर को फूलों से सजा दिया जाता है।धनतेरस और अक्षय तृतीया के मौके पर लाखों भक्त पद्मावती मंदिर करने पहुंचते हैं। कहा जाता है कि धनतेरस और अक्षय तृतीया के मौके पर जो भी सच्चे मन से पद्मावती मंदिर का दर्शन करता है, उसके ऊपर धन की खूब बारिश होती है। आम दिनों में यहां भक्तों की भीड़ देख जाट सकती है।

Padmavathi Temple Timings

पद्मावती मंदिर दर्शन का समय 

अगर आप पद्मावती मंदिर दर्शन करना चाहते हैं, तो आप सुबह 5 बजे से लेकर 9:30 बजे के बीच में दर्शन कर सकते हैं। हालांकि, दिन में 12 बजे से लेकर 1 बजे और शाम 6 बजे से 6:30 तक विशेष पूजा के लिए मंदिर का पकट पंड रहता है। इसके अलावा, अगर आप मंदिर में विशेष पूजा पाठ करना चाहते हैं, तो रात 9 बेज से लेकर 9:30 बजे के बीच में कर सकते हैं।

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