Kedarnath Trip: अगर जा रहे हैं केदारनाथ तो, इन शानदार और खूबसूरत जगहों को एक्सप्लोर करना न भूलें

केदारनाथ की तैयारी अब अंतिम चरम में है, क्योंकि शुक्रवार, 2 मई 2025 को सुबह करीब 7 बजे आम भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुल जाएंगे। हर साल की तरह इस साल भी भारी संख्या में भक्त पहुंचने वाले हैं। केदारनाथ के लिए सबसे पहले हरिद्वार या ऋषिकेश जाना पड़ता है। इन दोनों ही जगहों से बस या पानी पर्सनल गाड़ी से सोनप्रयाग पहुंचना होता है और सोनप्रयाग से कुछ ही दूरी पर स्थित गौरीकुंड से मंदिर के लिए चढ़ाई शुरू हो जाती है।यह लगभग सभी लोग जानते हैं कि केदारनाथ की चढ़ाई गौरीकुंड से शुरू होकर केदारनाथ मंदिर तक जाती है, लेकिन इस ट्रेक में पड़ने वाली कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे।
जंगल चट्टी
जंगल चट्टी, गौरीकुंड-केदारनाथ ट्रेक का पहला पड़ाव माना जाता है, जहां आप कुछ देर आराम कर सकते हैं, भोजन कर सकते हैं और प्राकृतिक खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं। जंगल चट्टी, गौरीकुंड से कुछ ही किमी की दूरी पर है।
जंगल चट्टी, ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और वॉटरफॉल के लिए जाना जाता है। यहां आप पहाड़ों के ऊपर बादलों को मंडराते हुए करीब से देख सकते हैं। जंगल चट्टी का शुद्ध और शांत वातावरण भी आपको खूब पसंद आएगा।
भीमबली
जंगल चट्टी से जब आगे बढ़ते हैं, तो कुछ ही किमी के बाद भीमबली मिलता है, जिसे गौरीकुंड-केदारनाथ ट्रेक दूसरा पड़ाव माना जाता है। भीमबली में आप कुछ समय के लिए आराम करने के बाद फिर से यात्रा शुरू कर सकते हैं।
भीमबली एक खूबसूरत जगह है, जो चारों साइड से ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और वॉटरफॉल से घिरा हुआ है। भीमबली का शांत और खूबसूरत परिवेश देखकर आप चंद मिनटों में झूम उठेंगे। भीमबली में आप आराम करते हुए कुछ स्नैक्स भी खा सकते हैं।
रामबाड़ा
भीमबली से आगे बढ़ने पर रामबाड़ा पड़ता है, जिसे गौरीकुंड-केदारनाथ ट्रेक तीसरा बड़ा पड़ाव माना जाता है। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल यात्री यहां अमूमन कुछ देर आराम करते हैं और प्रकृति की खूबसूरती का लुत्फ उठते हैं।
रामबाड़ा, ऊंचे-ऊंचे पहाड़, उबड़-खाबड़ रास्ते और मनमोहक वॉटरफॉल के लिए जाना जाता है। आपको बता दें कि साल 2013 में केदारनाथ में बाढ़ आई थी तब रामबाड़ा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। अब यहां कोई खतरा नहीं है।
लिनचोली
रामबाड़ा से आगे बढ़ने पर लिनचोली पड़ता है, जिसे गौरीकुंड-केदारनाथ ट्रेक चौथा और अंतिम सबसे बड़ा पड़ाव माना जाता है। लिनचोली, बादलों से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़, घने जंगल और मनमोहक दृश्यों के लिए जाना जाता है।
नोट: गौरीकुंड-केदारनाथ ट्रेक में इन जगहों को एक्सप्लोर करने के साथ-साथ चोराबाड़ी झील और चौमासी जैसी अन्य कई जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। आपको यह भी बता दें कि गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर की दूरी करीब 16 किमी है।