गर्मियों की छुट्टियों में जा रहे हैं पहाड़ों की ओर? इन 5 हिल स्टेशन्स को ट्रैवल लिस्ट से कर दें बाहर!

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गर्मियों के महीनों (अप्रैल से जुलाई) में चिलचिलाती धूप और बढ़ते तापमान से राहत पाने के लिए लोग अक्सर पहाड़ों की ओर रुख करते हैं। ठंडी हवाओं, प्राकृतिक सुंदरता और सुकून भरे माहौल की चाह में लाखों पर्यटक हर साल हिल स्टेशनों (Overcrowded Hill Stations in Summer) का रुख करते हैं। हालांकि, यही आकर्षण इन स्थलों पर अत्यधिक भीड़ का कारण बन जाता है, जिससे ओवरटूरिज्म की समस्या उत्पन्न होती है। गर्मियों में कुछ लोकप्रिय हिल स्टेशन्स जैसे शिमला, मनाली, नैनीताल, मसूरी और धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों पर इतनी भीड़ हो जाती है कि वहां जाकर सुकून की उम्मीद करना बेमानी हो जाता है। ट्रैफिक जाम, होटल और होमस्टे की आसमान छूती कीमतें, पार्किंग की समस्या और प्रदूषण जैसी दिक्कतें आपके ट्रैवल एक्सपीरियंस को खराब कर सकती हैं। यदि आप वाकई शांत, सुकून भरी और कम भीड़-भाड़ वाली जगह पर छुट्टियां बिताना चाहते हैं, तो आपको इन ओवरक्राउडेड हिल स्टेशन्स से दूरी बनानी चाहिए। इसकी जगह कुछ ऐसे खूबसूरत, लेकिन अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध हिल स्टेशन मौजूद हैं जो गर्मी में बेहतरीन अनुभव दे सकते हैं। इसलिए इस गर्मी में इन 5 हिल स्टेशनों पर जाने से बचें —

Himachal Pradesh Shimla the queen of hills is buzzing beauty has returned  due to increase in footfal ann | In Pics: गुलजार हुई 'पहाड़ों की रानी' शिमला,  पर्यटकों की चहलकदमी बढ़ने से
शिमला (हिमाचल प्रदेश)

शिमला, भारत के सबसे लोकप्रिय और ऐतिहासिक हिल स्टेशनों में गिना जाता है। गर्मियों की शुरुआत होते ही, यह पहाड़ी शहर पर्यटकों से भर जाता है और यहां हर गली, हर मोड़ पर भीड़ का आलम देखने को मिलता है। मॉल रोड, रिज और जाखू मंदिर जैसी प्रमुख जगहों पर पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती। सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं और ट्रैफिक जाम के कारण शिमला से सटे सोलन, कुफरी और नारकंडा जैसी नज़दीकी डेस्टिनेशनों तक पहुंचने में भी कई घंटों का समय लग जाता है। इसके अलावा, होटल, रिसॉर्ट्स और होमस्टे की मांग बढ़ने से इनके दाम भी अचानक बढ़ जाते हैं, जिससे ट्रैवल बजट बिगड़ सकता है। गर्मियों के दौरान शिमला की अत्यधिक भीड़ और सुविधाओं की कमी कई बार आपकी छुट्टियों के अनुभव को नकारात्मक बना सकती है। अगर आप सच में प्राकृतिक सुंदरता, ठंडी हवा और सुकून भरे वातावरण का आनंद लेना चाहते हैं, तो शिमला की जगह चैल, साराहन, चित्कुल या शोजा जैसे कम भीड़भाड़ वाले, शांत और सुरम्य हिल स्टेशनों की ओर रुख करें। ये जगहें न सिर्फ शांत वातावरण देती हैं बल्कि यहां की घाटियां, घने जंगल, बर्फ से ढके पहाड़ और स्थानीय संस्कृति भी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

मनाली - हिमाचल पर्यटन आधिकारिक वेबसाइट

मनाली (हिमाचल प्रदेश)

मनाली, हिमाचल प्रदेश का एक बेहद लोकप्रिय हिल स्टेशन है जो खासतौर पर एडवेंचर लवर्स, बैकपैकर्स और हनीमून कपल्स के बीच बहुत पसंद किया जाता है। हर साल गर्मियों के महीनों में यह शहर पर्यटकों से पट जाता है, जिससे यहां का हर कोना व्यस्त और भीड़भाड़ वाला हो जाता है। सड़कों पर इतना ट्रैफिक होता है कि लोकल ट्रांसपोर्ट से लेकर टैक्सी सेवाएं तक बुरी तरह प्रभावित हो जाती हैं। सोलंग घाटी और हिडिम्बा मंदिर जैसे प्रमुख पर्यटक स्थलों पर लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं, जिससे शांत और सुकूनभरे पल बिताने की उम्मीद धूमिल हो जाती है। रोहतांग पास, जो मनाली का एक मुख्य आकर्षण है, वहां जाने के लिए परमिट की अनिवार्यता और ट्रैफिक की समस्याएं यात्रा को और अधिक तनावपूर्ण बना देती हैं। इसके अलावा, पर्यटकों की अधिकता के कारण होटल, कैफे और लोकल गाइड्स की दरें भी कई गुना बढ़ जाती हैं, जिससे आपका ट्रैवल बजट असंतुलित हो सकता है। साथ ही, अत्यधिक भीड़ और शोरगुल से मनाली की प्राकृतिक सुंदरता का असली आनंद लेना मुश्किल हो जाता है। अगर आप मनाली जैसे एडवेंचर, खूबसूरत पहाड़, ट्रेकिंग ट्रेल्स और शांत वातावरण का अनुभव लेना चाहते हैं, तो कसोल, जिब्बी, तोश, या तांदी जैसे विकल्पों को चुनना बेहतर होगा। ये स्थान न सिर्फ कम भीड़ वाले हैं बल्कि यहां की वादियां, नदियों की कलकल ध्वनि, और लोकल संस्कृति भी उतनी ही समृद्ध है। यहाँ आप ट्रेकिंग, कैंपिंग, रिवर साइड स्टे, और लोकल फूड का आनंद बिना किसी बाधा के उठा सकते हैं। इन जगहों पर जाकर आप एक सच्चा हिल स्टेशन एक्सपीरियंस ले सकते हैं—बिना ट्रैफिक, शोर और भागदौड़ के।

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ऋषिकेश (उत्तराखंड)

ऋषिकेश योग, ध्यान और स्पिरिचुअल टूरिज्म के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां की गंगा आरती, आश्रम, और प्राकृतिक सुंदरता लोगों को शांति का अनुभव कराती है। लेकिन गर्मियों में ऋषिकेश का यह शांत माहौल हलचल में बदल जाता है। एडवेंचर एक्टिविटीज़ जैसे रिवर राफ्टिंग, क्लिफ जंपिंग और ट्रेकिंग के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या अचानक बहुत बढ़ जाती है, जिससे शहर में ट्रैफिक, शोर और प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगता है। ऋषिकेश की तंग गलियों और पुलों पर पैदल चलना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है, खासकर लक्ष्मण झूला और राम झूला जैसे लोकप्रिय स्थानों पर। इसके अलावा, गर्मियों के मौसम में होटल्स, गेस्ट हाउसेस और होस्टल्स की बुकिंग काफी पहले से फुल हो जाती है, जिससे लास्ट-मिनट ट्रैवलर्स को ठहरने की अच्छी जगह ढूंढना मुश्किल हो जाता है। भीड़ के कारण आश्रमों में भी ध्यान और योग का अनुभव बाधित हो सकता है। अगर आप ऋषिकेश जैसा ही शांत और आध्यात्मिक माहौल चाहते हैं लेकिन भीड़ से दूर रहना पसंद करते हैं, तो लैंसडाउन, चोपता, या औली जैसे विकल्प कहीं बेहतर हो सकते हैं। इन जगहों पर आप पहाड़ों की गोद में प्रकृति के करीब रहकर ध्यान, योग और शांति का सच्चा अनुभव कर सकते हैं। साथ ही, यहां की हरियाली, ठंडी हवाएं और लोकल संस्कृति भी मन को सुकून देती हैं, जो आपको एक रिफ्रेशिंग ट्रैवल एक्सपीरियंस प्रदान करेंगी।

नैनीताल (Nainital) - Uttarakhand Tour Packages | The Himalaya Travel

नैनीताल (उत्तराखंड)

नैनीताल, जिसे "क्वीन ऑफ लेक्स" कहा जाता है, उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन्स में से एक है। चारों ओर से पहाड़ों से घिरी नैनी झील की खूबसूरती पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती है। लेकिन जैसे ही गर्मियों की छुट्टियाँ शुरू होती हैं, यहां की प्राकृतिक शांति और सुंदरता पर्यटकों की भारी भीड़ में कहीं खो जाती है। नैनी लेक के चारों ओर इतनी ज्यादा भीड़ जमा हो जाती है कि बोटिंग जैसे शांत अनुभव भी थकाऊ लगने लगते हैं। सिर्फ झील ही नहीं, मॉल रोड, स्नो व्यू पॉइंट और नैना देवी मंदिर जैसे प्रमुख स्थल भी भीड़ और ट्रैफिक से भर जाते हैं। शहर में पार्किंग की जगह ढूंढना बहुत मुश्किल हो जाता है, और सड़कें घंटों तक जाम रहती हैं, जिससे ट्रैवल का मजा काफी हद तक खराब हो जाता है। साथ ही, गर्मियों के सीजन में होटल्स और गेस्ट हाउसेज़ की कीमतें काफी बढ़ जाती हैं, जो ट्रैवल बजट पर असर डाल सकती हैं। अगर आप नैनीताल जैसी खूबसूरत और शांत पहाड़ी जगह का अनुभव लेना चाहते हैं लेकिन भीड़ से दूर रहना पसंद करते हैं, तो अल्मोड़ा, रानीखेत, या मुक्तेश्वर बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। ये जगहें न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं, बल्कि यहां आपको शांति और लोकल संस्कृति का भी एक अलग अनुभव मिलेगा। यहां की पहाड़ी हवाएं, जंगलों की हरियाली और सुरम्य घाटियां आपको नैनीताल जैसा ही एहसास देंगी, लेकिन बिना भीड़भाड़ और भागदौड़ के।

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मसूरी (उत्तराखंड)

मसूरी, जिसे "क्वीन ऑफ हिल्स" के नाम से जाना जाता है, हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। लेकिन गर्मियों की छुट्टियों में यहां की रानी जैसी शोभा भारी भीड़ और शोरगुल के कारण फीकी पड़ जाती है। मॉल रोड, कैमल्स बैक रोड और गन हिल जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर लोगों की इतनी भीड़ जमा हो जाती है कि सुकून से टहलना भी एक चुनौती बन जाता है। इस मौसम में ट्रैफिक जाम, पार्किंग की परेशानी और भीड़भाड़ वाले बाजारों से गुजरना बेहद थकाने वाला अनुभव हो सकता है। होटल्स और होमस्टे के रेट अचानक काफी बढ़ जाते हैं, जिससे बजट ट्रैवल प्लान करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, शांत और ठंडी हवा की जगह अक्सर शोर और अव्यवस्था का माहौल मिल सकता है। अगर आप मसूरी जैसे सुंदर हिल स्टेशन का आनंद लेना चाहते हैं लेकिन शांत वातावरण की तलाश में हैं, तो लैंडौर, धनोल्टी या कनाताल जैसे विकल्प आदर्श हो सकते हैं। ये जगहें न सिर्फ भीड़ से दूर हैं, बल्कि यहां की पहाड़ी पगडंडियाँ, देवदार के जंगल और खुला आसमान आपको प्रकृति के और करीब ले जाते हैं। यहां आप ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग और स्थानीय जीवनशैली का अनुभव सुकून के साथ कर सकते हैं।

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