Bhandari Devi: यहां अष्टमी और नवमी के दिन मांगी हर मुराद होती है पूरी, आप भी पहुंचें
इस समय देश भर में नवरात्रि का पावन दिन चल रहा है। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा का पूजा-पाठ करना और मंदिर दर्शन करने बहुत शुभ माना जाता है।नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के लगभग हर मंदिरों में भीड़ मौजूद रहती हैं। खासकर, वैष्णो मंदिर, कामाख्या मंदिर या पटन देवी मंदिर का दर्शन करने हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं।उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मौजूद देवी भंडारी भी एक ऐसा मंदिर है, जिसे चमत्कारी मंदिर माना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर स्थानीय लोगों की रक्षा तो करता ही है, साथ में यहां मांगी हर मुराद भी पूरी हो जाती है।इस आर्टिकल में हम आपको भंडरी देवी मंदिर की खासियत और मंदिर से जुड़े कुछ रोचक मिथ्य के बारे में बताने जा रहे हैं। नवरात्रि में यहां आप भी पहुंच सकते हैं।
भंडारी देवी मंदिर कहां है?
भंडारी देवी मंदिर की खासियत जानने से पहले आपको यह बता दें कि यह पवित्र और चर्चित मंदिर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर शहर में मौजूद है। जी हां, उसी मिर्जापुर शहर मे जिसे कई लोग मिर्जापुर वेब सीरीज के लिए जानते हैं।भंडारी देव मंदिर, मिर्जापुर मुख्य शहर से करीब 62 किमी की दूरी पर पड़ता है। इसके अलावा, यह मंदिर अहरौरा से लगभग 4 किमी उत्तर में और वाराणसी से लगभग 44 किमी दूर पड़ता है।
भंडारी देवी मंदिर का इतिहास
भंडारी देवी मंदिर का का निर्माण कब और कैसे हुआ था, इसका पुख्ता प्रमाण बहुत कम ही मिलते हैं, लेकिन कई लोगों का मानना है कि इसका निर्माण अशोक के काल में हुआ था।भंडारी देवी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर आसपास से अशोक के काल से सम्बंधित शिलालेख मिले हैं, जिसके आधार पर मंदिर को अशोक के काल का बताया जाता है। यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर मौजूद है।
भंडारी देवी मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
भंडारी देवी मंदिर मिर्जापुर वासियों के लिए आस्था का केंद्र माना जाता है। इसलिए यहां समय भक्तों की भीड़ मौजूद रहती हैं। इस पवित्र मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह मंदिर शहर की रक्षा करता है।भंडारी देवी मंदिर को लेकर एक अन्य मान्यता यह कि यह अन्न-भंडार का अहम् स्थान है। मान्यता है कि मंदिर के आसपास के किसान पैदा होने वाले अनाज को माता के चरणों में चढ़ाते हैं, तो उनके घर में धन-दौलत की बारिश होती है।
मंदिर के पास मौजूद कुंड है आस्था का केंद्र
भंडारी देवी मंदिर के ठीक समाने एक कुंड मौजूद है। इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि शहर में कितनी भी तेज गर्मी पड़े, फिर इस कुंड का पानी सुखता नहीं है। कहा जाता है कि मंदिर दर्शन करने से पहले इस कुंड में जो स्नान करता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।नवरात्रि के समय भंडारी देवी मंदिर का दर्शन करने राज्य के हर कोने से भक्त पहुंचते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में अष्टमी और नवमी के दिन जो पूजा-पाठ करता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। नवरात्रि के मौके पर इस मंदिर को फूलों से सजा दिया जाता है।
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