ताजमहल के अलावा भी आगरा में हैं कई और फेमस टूरिस्ट प्लेस, देखने को मिलेंगे मनमोहक नजारे
आगरा का नाम सुनते ही आंखों के सामने ताजमहल की छवि उभर आती है। ताज के दीदार से थोड़ा ध्यान हटता है तो यहां के पेठे की मिठास से मुंह में पानी आ जाता है। आगरा का यूं तो अपना ऐतिहासिक महत्व है लेकिन आपको यह भी बता दें कि आगरा दुनिया का एकमात्र ऐसा शहर है जहां तीन वर्ल्ड हेरिटेज मॉन्यूमेंट हैं। यूनेस्को ने ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी को यह दर्जा दिया हुआ है। ऐतिहासिक महत्व वाली प्रेम नगरी के रूप में विख्यात इस नगरी में अनेक स्मारक हैं, जो वास्तुकला की दृष्टि से नायाब हैं और मुग़लकाल की शानदार विरासत को दर्शाते हैं। इस शहर में दुनियाभर से पर्यटकों का आना सालभर लगा रहता है। अगर आप आगरा घूमने जा रहे हैं, तो ताजमहल के अलावा भी इन पर्यटन स्थलों को एक्सप्लोर कर सकते हैं, जहां आपको मनमोहक नजारे देखने को मिलेंगे। आइए जानें...
आगरा का किला
विरासत स्थल ताजमहल के करीब स्थित है। 380 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला एक विशाल किला, यह संरचना शहर में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण है। इतिहास दर्ज करता है कि किला देश पर मुगल साम्राज्य के शासन से पहले बनाया गया था। हालाँकि, अकबर ने इसे एक नया रूप देने के लिए 16 वीं शताब्दी में इस बलुआ पत्थर के किले का पुनर्निर्माण किया था। आगरा के किले में कई आकर्षण हैं, जैसे दिल्ली गेट, मोती मस्जिद, नगीना मस्जिद, निजी दर्शकों का हॉल, लोधी गेट, सार्वजनिक दर्शकों का हॉल और मुसम्मन बुर्ज।
फतेहपुर सिकरी
मुगल बादशाह अकबर द्वारा निर्मित-फतेहपुर सीकरी विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। फतेहपुर सीकरी आगरा का सबसे सुंदर और निकटतम पर्यटन स्थल है। आधे घंटे की ड्राइव आपको मुगल साम्राज्य की पूर्ववर्ती राजधानी तक ले जाएगी। आगरा से फतेहपुर सिकरी की दूरी 36 किलोमीटर है और यहां आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है। वैसे आप यहां सब कुछ एक दिन के ट्रिप में ही देख सकते हैं। यहां देखने लायक जगह जैसे बुलंद दरवाजा, जोधाबाई पैलेस, शेख सलीम चिश्ती की दरगा (मकबरा), जामा मशजीद, ख्वाबाग और दीवान-ए-खास हैं।
मेहताब बाग
यह बाग ताजमहल परिसर से लगभग 7-8 किमी दूरी पर स्थित है। यह घूमने लायक जगह है। इस बाग के एंट्री गेट पर एक फव्वारा लगा है, जिसमें आप ताजमहल का प्रतिबिंब भी देख सकते हैं। अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं, तो इस जगह पर जरूर जाएं।
इत्माद-उद-दौला का मकबरा
आगरा में यमुना नदी के पूर्वी तट पर निर्मित इस मकबरे को छोटा ताज के नाम से जाना जाता है। 23 वर्ग किलोमीटर में फैले इस मक़बरे का निर्माण 1628 में हुआ था। मकबरे के अंदर खूबसूरत मुगल कलाकृति देखने को मिलती है। संगमरमर का यह मकबरा जहाँगीर की बेगम नूरजहां ने अपने वालिद मिर्ज़ा गयास बेग़ की याद में 1622-1628 ईसवी में बनवाया था। इत्माद-उद-दौला का मकबरा भारत का पहला मकबरा है जो पूरी तरह से संगमरमर से बना है।
अकबर का चर्च
वैसे तो आपने बहुत सारे चर्च देखे होंगे लेकिन ये कुछ अलग है। आगरा में 415 वर्ष पहले पहला क्रिसमस इसी चर्च में मनाया गया था। इस चर्च के इतिहास पर जाएं, तो मुगल शासक अकबर ने दीन-ए-इलाही धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए इस चर्च की नींव रखवाई थी। ईसाई समाज की एक पुस्तक के अनुसार सन् 1562 में ताजनगरी में ईसाईयों का आगमन शुरू हुआ, सम्राट अकबर द्वारा धन और जमीन देने पर सन् 1599 में जुसुइट फादर ने इस चर्च का निर्माण करावाया था। इस चर्च में मुगलिया आर्किटेक्चर की छाप नजर आती है यहां आकर आपको बेहद सुकून का अनुभव होगा।
सिकंदरा
आगरा से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है सिकंदरा। इस जगह की खास बात यह है कि यहां पर स्थित है अकबर का मकबरा। यह मकबरा आठ साल में बनकर तैयार हुआ था, जिसका निर्माण खुद अकबर ने 1605 में शुरू करवाया था। बाद में 1613 से में इसे अकबर के बेटे जहांगीर ने पूरा करवाया। इस मकबरे की खासियत इसका बुलंद दरवाजा है और इसमें संगमरमर से बनी हुई चार मीनारें हैं। दरवाजे से होकर एक चौड़ा रास्ता मकबरे तक जाता है। यह मकबरा 119 एकड़ में फैला हुआ है। इस मकबरे में आपको ईसाई, इस्लामिक हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म का सर्वोत्तम मिश्रण देखने को मिलेगा।
मरियम उज-जमानी का मकबरा
मरियम के मकबरे को उसकी याद में उसके बेटे जहांगीर ने बनवाया था। अकबर का मकबरा भी जहांगीर ने पूरा करवाया था और मां का मकबरा भी उसने की बनवाया था। जितनी कारीगरी आपको अकबर के मकबरे में देखने को मिलती है उतनी ही कारीगरी आपको मरियम के मकबरे में भी देखने को मिलेगी। इस मकबरे में तीन कब्रें हैं।
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