अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जाने का कर रहे हैं प्लान, तो यहाँ मिलेगी आपको सारी जानकारी 

yamunotri
WhatsApp Channel Join Now

उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम को चार धाम यात्रा का प्रथम पडाव माना गया है। यहां सूर्यपुत्री, शनि और यम की बहन देवी यमुना की आराधना होती है। समुद्र तल से 3235 मीटर (10610फीट) की ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री धाम से एक किलोमीटर दूर चंपासर ग्लेशियर है, जो यमुना का मूल उद्गम है। समुद्र तल से इस ग्लेशियर की ऊंचाई 4421 मीटर है। धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि यह पवित्र स्थान एक साधु असित मुनि का निवास स्थल था। उन्होंने यहां देवी यमुना की आराधना की, जिससे प्रसन्न हो यमुनाजी ने उन्हें दर्शन दिए। यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए जानकीचट्टी से छह किमी की खड़ी चढाई पैदल तय करनी पड़ती है। 

yamunotri

यमुनोत्री मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का निर्माण टिहरी गढ़वाल के राजा सुदर्शन ने करवाया था, जो प्राकृतिक आपदा के बजह से ध्वस्त हो गया था। बाद में इसका पुनर्निर्माण जयपुर की रानी गुलेरिया ने 19 वीं शताब्दी के अंत में करवाया था। पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुनोत्री असिति ऋषि का निवास स्थान था, जहां पर बैठ कर उन्होंने हजारो बर्षों तक मां यमुना की तपस्या की थी। वे अपनी बृद्धावस्था के दौरान कालिंदी पर्वत में स्थित सप्तऋषि कुंड में स्नान करने के लिए नहीं जा पाए। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां यमुना उन्हीं की कुटिया से प्रकट हो गईं और उसी दैवीय स्थान को यमुनोत्री धाम के नाम से जाना जाता है।

yamunotri

 यमुनोत्री धाम कैसे पहुंचे
यमुनोत्री पहुंचने के लिए आप ट्रेन से देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश आ सकते हैं फिर यहां से बस या प्राइवेट टेक्सी भी लेकर अपनी यात्रा पूरी कर सकते हैं। आगर आप हवाई मार्ग से आना चाहते हैं तो आप पहले फ्लाइट से सबसे नजदीकी जाली ग्रांट देहरादून एयरपोर्ट आएंगे। यहां से आपको बस या टेक्सी से आगे आना होगा। 

yamunotri

जानकी चट्टी से यमनोत्री मंदिर कैसे पहुंचे
जानकी चट्टी से यमनोत्री मंदिर तक जाने के लिए 7 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई वाले मार्ग पर चलना पड़ता है। यहां से आप घोड़े -खच्चर,पालकी या फिर पैदल यात्रा कर सकते हैं। 

yamunotri

यमुनोत्री दर्शन कैसे करें
भक्त सबसे पहले यमुनोत्री मंदिर परिसर में पहुंचकर कुंड में स्नान करते हैं। यह गर्म पानी का कुंड है। इसे सूर्य कुंड के नाम से भी जाना जाता है। सूर्य कुंड के पास ही में एक शिला स्थित है जिसे दिव्य शिला कहा जाता है। भक्त देवी की पूजा करने से पहले इस शिला में दर्शन करते है। वैसे तो यमुनोत्री धाम में कई प्राकृतिक गर्म पानी के कुंड मौजूद हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध सूर्य कुंड माना जाता है। यहां आने बाले श्रद्धालु मां यानुना देवी को प्रसाद चढाने के लिए अपने साथ चावल को ले आते हैं, जिसे कपड़े की पोटली में बांधकर सूर्य कुंड में पकाते हैं। यमुनोत्री दर्शन करने के बाद भक्त अपने पकाए हुए चावल को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं। 

yamunotri

कब जाएं यमुनोत्री 
यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के लिए सितम्बर से अक्टूबर के महीने का समय सबसे अच्छा होता है।  क्योंकि इस समय यहां ज्यादा भीड़ भाड़ भी नहीं होती है। वहीं मई जून यानि कि गर्मियों में पीक टाइम होता है, लोग गर्मियों की छुट्टी की वजह से काफी ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच जाते हैं। उस समय होटल और खाने पीने की वस्तुए का रेट डबल हो जाता है। जुलाई के महीने में बरसात की वजह से यात्रा में  काफी दिक्कतें आती हैं। 

yamunotri

यमुनोत्री मंदिर कब खुलता है
यमुना दर्शन को जाने से पहले ये जानना जरूरी है कि यमुनोत्री मंदिर कब खुलता है। आपकी जानकारी के बता दें कि हर साल मई जून के महीने में अक्षय तृतीया के दिन मंदिर का कपाट खोला जाता है और अक्टूबर में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर का कपाट अगले 6 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है। सर्दियों के महीने में यमुनोत्री के रास्ते और मंदिर पूरी तरह से बर्फ से ढक जाता है। इसकी वजह से मंदिर बंद करना पड़ता है। मंदिर का कपाट बंद होने से पहले मां यमुना को बड़े धूम धाम के साथ सजाया जाता है। और फिर पालकी में बैठाकर खरसाली गांव लाया जाता है। अगले 6 माह तक उनकी पूजा इसी स्थान पर होती है। 

yamunotri

यमुनोत्री में कहां रुकना चाहिए
जानकी चट्टी में उत्तराखंड राज्य की तरफ से गेस्ट हाउस बनाए गए हैं, जहां आप ठहर सकते हैं इसका चार्ज बहुत कम होता है। इसके अलावा प्राइवेट होटल भी  जानकी चट्टी के आस पास मिल जाएंगे। इनका किराया 500 रुपये से लेकर 5 हजार तक होता है। आप अपने बजट के हिसाब से होटल बुक कर सकते हैं। यमुनोत्री में खाने के लिए हर प्रकार की थाली की सुविधा मिल जाती है। इसमें साउथ इंडियन, नार्थ इंडियन के साथ और भी थाली होती है। इनका चार्ज 150 रुपये से 200 रुपये तक होता है। 

yamunotri

यमुनोत्री के आस पास घूमने वाली जगह
यमुनोत्री मंदिर दर्शन के बाद चाहे तो मंदिर से 1 किलोमीटर आगे छोटा ग्लेशियर में ट्रैकिंग करने जा सकते हैं। इसके अलावा सप्तऋषि कुंड,सूर्यकुंड, हनुमान चट्टी, खरसाली आदि जगहों पर घूम सकते हैं और हां चार धाम की यात्रा पर अपने साथ गर्म कपड़ें और जरूरी दवाइयां रखना ना भूलें। 

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story