अगर आप भी चार धाम यात्रा का कर रहे हैं प्लान, तो जान लें ये जरूरी बातें
चार धाम यात्रा दुनिया की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक मानी जाती है। इस यात्रा में चार मंदिर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। इसे छोटा चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। इनके इलावा एक और चार धाम है, जिसे आदि शंकराचार्य ने स्थापित किया था। इसमे देश के चार अलग-अलग कोनों में चार पवित्र तीर्थ स्थल शामिल हैं, जैसे उत्तराखंड में बद्रीनाथ, गुजरात में द्वारका, उड़ीसा में पुरी और तमिलनाडु में रामेश्वरम। आज हम चारधाम यात्रा की पूरी जानकारी आपको देंगे। आपको बता दें कि ये पवित्र स्थल उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित हैं। परंपरागत रूप से, यात्रा पश्चिम से पूर्व की ओर की जाती है। इस प्रकार, यह यमुनोत्री से शुरू होती है, फिर गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में समाप्त होती है।
कैसे पहुंचे धाम
चारधाम यात्रा हरिद्वार अथवा देहरादून से शुरू की जा सकती है। यात्रा शुरू करने के दो तरीके हैं - सड़क और हेलीकाप्टर। अगर सड़क मार्ग से चार धाम यात्रा शुरू करते हैं तो हरिद्वार, दिल्ली, ऋषिकेश,और देहरादून से शुरू कर सकते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन इन पवित्र स्थानों से सबसे निकटम रेलवे स्टेशन है। हरिद्वार सड़क और रेल नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
राज्य परिवहन और निजी बसें इन पवित्र तीर्थ स्थलों के लिए उपलब्ध हैं। हरिद्वार, ऋषिकेश, और देहरादून से आप आसानी से टैक्सी से भी पहुंच सकते हैं। चार धाम यात्रा को पूरा करने के लिए हरिद्वार, ऋषीकेश, बरकोट, जानकी चट्टी, यमुनोत्री, उत्तरकाशी, हरसिल, गंगोत्री, घनसाली, अगस्तमुनि, गुप्तकाशी, केदारनाथ,चमोली गोपेश्वर,गोविन्द घाट, बद्रीनाथ, जोशीमठ, ऋषीकेश, हरिद्वार मार्ग के जरिए चार धाम तक पहुंचा जा सकता है।
वहीं अगर आप हेलीकॉप्टर से यात्रा करना चाहते हैं तो सहस्त्रधारा हेलीपैड, देहरादून से चार धाम के लिए इसकी सेवा ले सकते हैं। हेलीकॉप्टर की सुविधा देहरादून से खरसाली तक है, जो यमुनोत्री मंदिर से लगभग 6 किमी दूर है। हरसिल हेलीपैड गंगोत्री मंदिर के लिए निकटतम हेलिपैड है, जो मंदिर से 25 किमी दूर स्थित है। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के हेलिपैड भी मंदिर के पास स्थित हैं।
चार धाम जाने का सबसे अच्छा समय
चार धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर तक है। इन महीनों में मौसम सुहाना होता है जो की यात्रा को आरामदायक और सुखद बनता है। गर्मियों के दौरान मौसम अच्छा रहता है। मानसून के मौसम में यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस क्षेत्र में भारी बारिश होती है, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ की आशंका बानी रहती है। सर्दियों के मौसम में, इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है। इसके चलते मंदिर लगभग छह महीने तक बंद रहते हैं। सर्दियों में केदारनाथ की मूर्तियां ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में एवं बद्रीनाथ की मूर्तियां जोशीमठ स्थानांतरित हो जाती हैं। भक्त वहां जा कर दर्शन कर सकते हैं।
गर्म कपड़े साथ लाएं
उच्च हिमालयी क्षेत्र में होने के कारण चारों धाम में काफी ठंड रहती है। वर्षा अथवा बर्फ़बारी होने पर रात्रि के समय तो तापमान माइनस में भी चला जाता है। लिहाजा, अगर आप यात्रा पर आ रहे हैं तो साथ में गर्म कपडे अवश्य रख लें। इसके आलावा, जरूरी दवाएं भी साथ में रखें। आपको बता दें सरकार की ओर से यात्रा मार्गों पर भी जगह-जगह स्वास्थ्य परीक्षण शिविर खोले गए हैं।
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