चारधाम यात्रा पार्ट- 2 : कब और कैसे पहुंचे गंगोत्री धाम, पाएं पूरी जानकारी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला में स्थित गंगोत्री से पतितपावनी गंगा का उद्गम होता है जो उत्तराखण्ड के चार धामों में से एक है। यहां से निकलकर गंगा ऋषिकेश में पहली बार पहाड़ों को छोड़कर मैदानी स्थल में प्रवेश करती हैं। लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र गंगोत्री धाम में देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी हर वर्ष भरी संख्या में श्रद्धधालु भागीरथी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। आपको बता दें कि गंगोत्री धाम में बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है। इसीलिए अपने साथ में गर्म कपड़े अवश्य लाएं।
कैसे पहुंचे गंगोत्री
गंगोत्री यात्रा के लिए कोई रेलवे सेवा या एयरपोर्ट नहीं है। आपको बता दें कि गंगोत्री धाम का रास्ता ऊंचे पहाड़ों से होकर गुजरता है। इससे यहां रेलवे की सुविधा नहीं है। हरिद्वार और ऋषिकेश तक आपको ट्रेन का सफर मिल जाता है। यहां पहुंचने के बाद आपको गंगोत्री जाने वाली बस मिल जाएगी जो, दिनभर चलती रहती है। उससे आप सड़क मार्ग के द्वारा गंगोत्री पहुंच सकते हैं। वहीं अगर आप हवाई यात्रा से गंगोत्री पहुंचना चाह रहे है तो देहरादून एयरपोर्ट तक फ्लाइट पकड़ कर पहुंच सकते हैं। इससे आगे का सफर बस या टैक्सी से पूरा करना होगा। एयरपोर्ट के बाहर से देहरादून बस स्टॉप के लिए टैक्सी मिल जाएगी। वहां से सारा दिन गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने के लिए बसों का संचालन होता रहता है।
गंगोत्री जाने का सही समय
आप में से बहुत लोगों को पता होगा कि गंगोत्री धाम में हमेशा सर्दियों का मौसम रहता है। दीपावली के बाद यहां भारी बर्फ़बारी होती है, जिसकी वजह से रास्ते और मंदिर पूरी तरह से बर्फ से ढंक जाता है। गंगोत्री यात्रा पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय सितम्बर से अक्टूबर का होता है, क्योंकि इस समय ज्यादा भीड़ भाड़ का माहौल नहीं रहता। यहां ठहरने और खाने पीने की व्यवस्था भी अच्छी रहती है, लेकिन यदि आप मई जून के महीने में जाते हैं, तो आपको गंगोत्री दर्शन के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ेगा और साथ में होटल और खाने की वस्तुए तीन गुना तक महंगी हो जाती हैं। खास बात ये है कि गंगोत्री में सर्दियों के मौसम में ज्यादा बर्फ़बारी की वजह से गंगा की पूजा गंगोत्री मंदिर से 20 किलोमीटर दूर मुखवा नामक गांव में की जाती है।
कब खुलता है गंगोत्री मंदिर का कपाट
सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार अप्रैल मई के महीने में अक्षय तृतीया के दिन मां गंगा को डोली में बिठाकर मुखबा गांव से बड़े धूम धाम से गंगोत्री लाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगीरथ मां गंगा को धरती पर लाए थे। गंगोत्री मंदिर हर साल अक्षय तृतीया यानि अप्रैल मई के मध्य खोला जाता है, जो अगले 6 माह तक दर्शन के लिए खुला रहता है। अक्टूबर नवंबर में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर का कपाट अगले 6 माह तक के लिए बंद कर दिया जाता है। हर्षिल से 5 किलोमीटर आगे जाने पर मुखबा गांव पड़ता है, जहां गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की शीतकालीन पूजा अर्चना की जाती है। सर्दियों में गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ यानि उत्तराखंड के चारधाम को छह माह के लिए बंद कर दिया जाता है। इसका कारण यह है की ज्यादा बर्फबारी के कारण मंदिर के रास्ते बर्फ से ढक जाते हैं।
गंगोत्री धाम में रुकने और खाने की व्यवस्था
गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं को रुकने के लिए हर्षिल नामक एक जगह है, जो गगोत्री मंदिर से 25 किलोमीटर पहले पड़ती है। यहां बड़े बड़े होटल रेस्टोरेंट मिल जाएंगे। जो 500 से 5000 तक एक रात का किराया चार्ज करते हैं। आप अपने बजट के हिसाब से इसे बुक कर सकते हैं। इसके अलावा बहुत सारे होटल और लाज गंगोत्री में मौजूद हैं, जो काफी सस्ते चार्ज में मिल जाते हैं इनका किराया 300 से लेकर 1000 तक होता है। आप इनको भी बुक कर सकते हैं।
गंगोत्री दर्शन कैसे करें
गंगोत्री पहुंचने के बाद सबसे पहले श्रद्धालु लाइन में लगकर गंगा मंदिर के बगल से भागीरथी नदी बहती है वहां स्नान करते हैं। मंदिर के पास ही भागीरथी शिला मौजूद है। इसके बारे में कहा जाता है कि भगीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए इसी शिला पर बैठ कर मां गंगा की तपस्या की थी। इससे प्रसन्न होकर मां गंगा धरती पर प्रकट हुई थीं।
गंगोत्री यात्रा का खर्च
गंगोत्री के सफर में 2 से 5 हजार का खर्च एक आदमी पर आएगा। यह खर्च आपका हरिद्वार से गंगोत्री तक पहुंचने और वहां ठहरने और खाने पीने का होगा।
गंगोत्री धाम की यात्रा कितने दिन की होती है
हरिद्वार से गंगोत्री पहुंचने और दर्शन करके वापस हरिद्वार रेलवे स्टेशन तक पहुंचने में तीन दिन का समय लगता है। एक दिन हरिद्वार से गंगोत्री जाने के लिए और एक दिन रुककर गंगोत्री दर्शन करने के लिए और वापस लौटने में एक दिन का समय लगता है। अगर आप गंगोत्री में नहीं रुकना चाहते तो यह सफर दो दिनों में पूरा हो जाएगा।
गंगोत्री के आस पास घूमने की जगह
जब आप गंगोत्री यात्रा के लिए निकलें, तो रास्ते में पड़ने वाले प्रमुख पर्यटन स्थलों गौमुख, सूर्य कुंड, गंगनानी, हर्षिल घाटी, मुखबा, भैरव घाटी घूम सकते हैं।
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