केदारनाथ यात्रा के दौरान इन 5 आकर्षक जगहों की जरूर करें सैर

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हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। चार धाम यात्रा में शामिल प्रमुख स्थल यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं, जो न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनकी प्राकृतिक सुंदरता भी लोगों को आकर्षित करती है। केदारनाथ मंदिर, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, हर साल लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। केदारनाथ धाम हर साल लगभग 6 महीने के लिए खुलता है और इस वर्ष मंदिर के कपाट 2 मई को खुलेंगे और अक्टूबर में बंद हो जाएंगे। अगर आप इस बार केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो इस क्षेत्र के कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थलों की सैर जरूर करें।

गुप्तकाशी | जिला रुद्रप्रयाग | भारत
# गुप्तकाशी

गुप्तकाशी एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह स्थल केदारनाथ मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। गुप्तकाशी अपने प्राचीन विश्वनाथ मंदिर, अर्धनारीश्वर मंदिर और मणिकर्णिक कुंड के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले भक्त इन मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन का लाभ भी लेते हैं। गुप्तकाशी में स्थित मणिकर्णिक कुंड की खासियत यह है कि यहां के पानी में गर्मी और ठंड का अद्भुत मिश्रण होता है, जो इसके आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ाता है।

गौरीकुंड: यात्रा गाइड, कैसे पहुंचें, सर्वोत्तम समय और दर्शनीय स्थल

# गौरीकुंड

गुप्तकाशी से करीब 32 किलोमीटर दूर स्थित गौरीकुंड केदारनाथ यात्रा की शुरुआत का स्थान है। इसे आधिकारिक रूप से 'केदारनाथ यात्रा का प्रवेश द्वार' माना जाता है। यहां से पैदल यात्रा शुरू होती है और यह स्थान मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है। गौरीकुंड में स्थित गौरी मंदिर और गौरी झील बहुत प्रसिद्ध हैं। गौरीकुंड का धार्मिक महत्व इस बात से भी जुड़ा हुआ है कि इसे मोक्ष प्राप्ति के मार्ग के रूप में माना जाता है। यह स्थान आपको शांति और संतुलन का अहसास कराता है, साथ ही यहां के दृश्य भी बेहद आकर्षक होते हैं।

Photos Of Chorabari Glacier And Corabri Lake - Amar Ujala Hindi News Live -  देखिए कैसी दिखती है केदारनाथ में तबाही मचाने वाली चोराबरी झील

# चोराबारी झील

चोराबारी झील, जिसे गांधी ताल भी कहा जाता है, केदारनाथ मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह झील बेहद साफ और स्वच्छ पानी से भरपूर है, जिसकी सतह पर बर्फ के कणों से जड़ी पहाड़ियां साफ दिखती हैं। झील के चारों ओर की घाटियां और पहाड़ इसकी सुंदरता को और बढ़ा देते हैं। चोराबारी झील को अपनी शांत और प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का ध्यान आकर्षित करती है। यहां आप पैदल यात्रा का आनंद ले सकते हैं और एक अलग अनुभव का सामना कर सकते हैं।

त्रियुगीनारायण मंदिर - विकिपीडिया

# त्रियुगीनारायण

त्रियुगीनारायण उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर विशेष रूप से हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। कहा जाता है कि त्रियुगीनारायण मंदिर में भगवान शिव और भगवान विष्णु का मिलन हुआ था, और इसलिए इस मंदिर का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यहां आने वाले भक्त खासतौर पर शिवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर बड़ी संख्या में पूजा करने आते हैं। मंदिर के आसपास का वातावरण भी अत्यंत शांत और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

सोनप्रयाग: हिमालय में एक दिव्य गंतव्य

# सोनप्रयाग

सोनप्रयाग, रुद्रप्रयाग जिले का एक शांत और ऐतिहासिक गांव है, जो केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर के बीच स्थित है। यह स्थल दो शक्तिशाली नदियों—बासुकी और मंदाकिनी—के संगम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। सोनप्रयाग का धार्मिक महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह चार धाम यात्रा की एक अहम पड़ाव है। यहां के हिमालयी दृश्य और शांत वातावरण तीर्थयात्रियों को मानसिक शांति और शांति का अनुभव कराते हैं। यह स्थान केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन के बाद आराम करने और यात्रा की आगे की योजना बनाने के लिए आदर्श स्थल है।
 

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