पठानकोट के पास स्थित 5 शानदार हिल स्टेशन, गर्मियों की छुट्टियों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन

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इन द‍िनों गर्मी अपने चरम पर है और हर तरफ चिलचिलाती धूप का कहर देखने को मिल रहा है। मौसम व‍िभाग ने भी भीषण गर्मी पड़ने की चेतावनी जारी की है। मई का महीना अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और स्कूलों की छुट्टियां भी शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में लोग गर्मी से राहत पाने के ल‍िए ठंडी जगहों की ओर रुख कर रहे हैं। खासकर हिल स्टेशनों की लोकप्रियता इन दिनों काफी बढ़ गई है।हिल स्टेशन न सिर्फ तापमान से राहत देते हैं, बल्कि वहां का शांत वातावरण, ठंडी हवाएं और प्राकृतिक सुंदरता मन को भी ताजगी देती हैं। अगर आप पंजाब में रहते हैं तो आपको दूर जाने की भी जरूरत नहीं। पठानकोट से कुछ ही दूरी पर कई ऐसे खूबसूरत हिल स्टेशन बसे हैं जहां जाकर आप गर्मी को अलविदा कह सकते हैं।पंजाब, जो अपनी संस्कृति, भोजन और मेहमाननवाजी के लिए जाना जाता है, प्राकृतिक खूबसूरती में भी किसी से पीछे नहीं है। इसका पठानकोट इलाका हिमालय से सटा हुआ है, जहां आसपास कई ह‍िल स्‍टेशन मौजूद हैं। आइए जानते हैं उन शानदार जगहों के बारे में, जो आपकी ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल होनी चाहिए—

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 डलहौजी

पठानकोट से केवल 81 किलोमीटर दूर बसा डलहौजी एक बेहद खूबसूरत और लोकप्रिय हिल स्टेशन है। यह जगह अपने शांत माहौल, ठंडी हवाओं और बर्फीले नजारों के लिए जानी जाती है। यहां पहुंचते ही एक अलग ही सुकून का एहसास होता है।

डलहौजी की घाटियां, देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरी हुई पगडंडियां, और औपनिवेशिक शैली की इमारतें इसे खास बनाती हैं। खजियार, जिसे ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है, यहां से थोड़ी दूरी पर स्थित है और एक दिन की ट्रिप के लिए एकदम परफेक्ट है। अगर आप फोटोग्राफी पसंद करते हैं, तो डलहौजी आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं।

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धर्मशाला

हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों में बसा धर्मशाला, पठानकोट से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है, बल्कि तिब्बती संस्कृति, मोनेस्ट्रीज और दलाई लामा के निवास स्थान के कारण भी प्रसिद्ध है।

यहां के ऊंचे-ऊंचे पहाड़, शांत झीलें और बहते झरने किसी का भी मन मोह सकते हैं। भागसुनाग झरना, त्रिउंड ट्रैक और नामग्याल मोनेस्ट्री यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम भी है जो समुद्र तल से सबसे ऊंचाई पर स्थित स्टेडियमों में से एक है। यहां हर मौसम में पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है।

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चंबा

पठानकोट से 102 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंबा भी एक बेहतरीन हिल स्टेशन है जो अपनी ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। रावी नदी के किनारे बसा यह शहर खूबसूरत घाटियों, मंदिरों और पुराने किलों के लिए मशहूर है।

यहां आकर आप न सिर्फ सुकून भरे पल बिता सकते हैं, बल्कि कई रोमांचक एडवेंचर एक्टिविटीज का भी आनंद ले सकते हैं जैसे ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग और कैंपिंग। चंबा की भूरी सिंह म्यूजियम, चमेरा झील और लक्ष्मीनारायण मंदिर जैसे स्थान देखने लायक हैं। गर्मियों में यह जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श डेस्टिनेशन बन जाती है।

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 पालमपुर

पालमपुर, जो पठानकोट से करीब 111 किलोमीटर की दूरी पर है, अपनी चाय की बागानों, शांत वातावरण और पहाड़ी सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह जगह प्राकृतिक हरियाली से घिरी हुई है और धौलाधार की पहाड़ियों की गोद में बसी हुई है।

यहां का मौसम साल भर सुहावना बना रहता है और यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए परफेक्ट है जो शहर की भागदौड़ से दूर कुछ सुकून भरे पल बिताना चाहते हैं। आप यहां टी गार्डन टूर, आर्ट गैलरी विज़िट और आंद्रेटा गांव में लोक कला का अनुभव कर सकते हैं। पालमपुर को "नॉर्थ इंडिया का टी कैपिटल" भी कहा जाता है।

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 मैक्लोडगंज

पठानकोट से लगभग 89 किलोमीटर दूर स्थित मैक्लोडगंज को हिमाचल की सबसे खूबसूरत जगहों में गिना जाता है। यह जगह धर्मशाला के पास ही स्थित है और अपने तिब्बती माहौल, मोनेस्ट्रीज, वॉटरफॉल्स और कैफे कल्चर के लिए प्रसिद्ध है।

यहां की शांत फिजा, रंगीन बाजार और ट्रेकिंग रूट्स इसे बैकपैकर्स और यूथ के बीच बेहद लोकप्रिय बनाते हैं। भागसू वाटरफॉल, नामग्याल मोनेस्ट्री और त्रिउंड ट्रैक जैसे आकर्षण यहां के मुख्य आकर्षण हैं। खाने-पीने के शौकीनों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं, जहां तिब्बती से लेकर इटालियन खाने का लुत्फ उठाया जा सकता है।

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