पता है आपसे सही क्यों नहीं बनता घेवर? ये गलतियां बैटर को कर देती हैं खराब, आप भी करें नोट

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अक्सर हम कुछ छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं जिनकी वजह से घेवर का बैटर खराब हो जाता है। कभी बैटर बहुत पतला हो जाता है तो कभी बहुत गाढ़ा। कभी उसमें गुठलियां पड़ जाती हैं तो कभी तेल की मात्रा सही नहीं होती। इन्हीं गलतियों की वजह से न तो घेवर में सही जाली बन पाती है और न ही वो कुरकुरापन आता है, जिसके लिए घेवर जाना जाता है।इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ऐसी कौन-सी गलतियां हैं, जो हम अनजाने में कर बैठते है। घेवर बनाते हुए किन गलतियों को नहीं करना चाहिए। तो चलिए, जानते हैं घेवर बनाने के उन ट्रिक्स के बारे में, जिमकी मदद से आप हलवाई जैसा दानेदार और जालीदार घेवर बना सकेंगी।
कैसा होना चाहिए घेवर का बैटर?

घेवर का बैटर न बहुत ज्यादा गाढ़ा होना चाहिए और न ही पतला होना चाहिए। इसकी कंसिस्टेंसी ऐसी होनी चाहिए जैसे आप डोसे का बैटर बनाते हैं, लेकिन उससे थोड़ा पतला। अगर बैटर बहुत गाढ़ा होगा तो घेवर में जाली नहीं बनेगी और वह भारी बनेगा। वहीं, अगर बैटर बहुत पतला होगा तो घेवर बिखर जाएगा और कुरकुरा नहीं बनेगा। इसे गिराने पर यह एक पतली धार के रूप में गिरना चाहिए, न कि बूंद-बूंद करके। वहीं, बैटर एकदम स्मूथ हो और उसमें किसी तरह की गुठली नहीं होनी चाहिए।सही बैटर तभी बनेगा जब आप ढंग का बैटर बनाएंगे। चलिए आपको बताएं कि बैटर कैसा होना चाहिएः
बैटर बनाने वक्त न करें ये गलतियां-

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घी को ठीक से न फेंटना

घेवर का बैटर बनाते समय सबसे पहली गलती लोग यह करते हैं कि वे घी को ठीक से नहीं फेंटते। घेवर बनाने के लिए सबसे पहले ठंडा घी लेना चाहिए। इसे एक बड़े बर्तन में डालकर तब तक फेंटना चाहिए जब तक कि यह बिल्कुल सफेद और हल्का न हो जाए। यह मक्खन की तरह लाइट होना चाहिए। इसे हल्का बनाने के लिए इसमें आइस क्यूब डालकर फेंटें। यदि घी को ठीक से नहीं फेंटा गया, तो घेवर कड़ा और भारी बनेगा।
मैदे को सही तरीके से न मिलाना

घी फेंटने के बाद, अब बारी आती है मैदे की। मैदे को धीरे-धीरे, थोड़ी-थोड़ी मात्रा में डालना चाहिए और साथ ही ठंडा पानी मिलाते हुए फेंटते रहना चाहिए। एक साथ सारा मैदा डालने से गुठलियां बन सकती हैं। मैदे को छानकर इस्तेमाल करना भी गुठलियों से बचने में मदद करता है। बैटर को लगातार एक ही दिशा में फेंटते रहना चाहिए।
ठंडे पानी का इस्तेमाल न करना

घेवर के बैटर के लिए ठंडे पानी या बर्फ वाले पानी का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। ठंडा पानी घी को पिघलने नहीं देता और बैटर को सही तापमान पर रखता है, जिससे बेहतर जाली बनती है। पानी की मात्रा भी बहुत महत्वपूर्ण है। धीरे-धीरे पानी डालते हुए बैटर की कंसिस्टेंसी को कंट्रोल करें। अगर बैटर बहुत गाढ़ा है तो थोड़ा और ठंडा पानी डालें और अगर बहुत पतला हो गया है तो थोड़ा मैदा।

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बैटर को पर्याप्त समय तक न फेंटना

क्या आपको पता है कि अच्छी तरह फेंटा हुआ बैटर ही बढ़िया घेवर तैयार कर पाता है, इसलिए बैटर को अच्छी तरह से फेंटना बहुत जरूरी है। इसे तब तक फेंटते रहें जब तक कि यह एकदम स्मूथ न हो जाए। कम फेंटने से बैटर घेवर में जाली नहीं बनती। आप चाहें तो इसमें थोड़ा दूध या नींबू का रस भी मिला सकते हैं। नींबू का रस घेवर को और कुरकुरा बनाने में मदद करता है।
तेल न हो ज्यादा गर्म और ठंडा

घेवर को तलने के लिए तेल या घी का तापमान बहुत जरूरी है। तेल बहुत तेज गरम होना चाहिए। जब आप बैटर डालें तो उसमें से तेज आवाज आनी चाहिए। अगर तेल गरम नहीं होगा तो घेवर चिपचिपा बनेगा और उसमें जाली नहीं बनेगी। तलते समय तेल की मात्रा भी पर्याप्त होनी चाहिए ताकि घेवर उसमें पूरी तरह डूब सके।
घेवर डालने का गलत तरीका हो सही

घेवर बनाने के लिए, एक चम्मच बैटर को चम्मच से थोड़ा ऊपर से डलें। इसे धीरे-धीरे और लगातार एक ही जगह पर डालें। ऐसा करने से बैटर में जालीदार स्ट्रक्चर आता है। हर बार बैटर डालने के बाद बीच में एक छेद बनाएं ताकि और बैटर डाला जा सके।

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बार-बार छेड़छाड़ न करें

जब आप बैटर डालें, तो उसे छेडे बिल्कुल नहीं। बीच में बेलन की मदद से छेद रहने दें, बाकी बैटर को बार-बार हिलाने से उसका पैटर्न खराब हो सकता है। एक बार बैटर डालने के बाद, घेवर को पकने दें। जब यह हल्का सुनहरा होने लगे और किनारे अलग होने लगें, तब इसे धीरे से बाहर निकालें।आप भी इन टिप्स का ध्यान रखें और फिर देखें आप भी घर पर जालीदार घेवर बना सकेंगी। 

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