सर्दियों में क्यों होता है बच्चों के कान में दर्द? कब ये हो सकता है घातक, माता-पिता के लिए जानना जरूरी?
सर्दियों में बच्चों में कान से जुड़ी समस्याएं बहुत आम हो जाती हैं. ठंडी हवा, कम तापमान और बार-बार होने वाले वायरल इंफेक्शन बच्चों के कान को जल्दी प्रभावित कर सकते हैं. छोटे बच्चों की ईयर कैनाल पतली होती है और उनका इम्यून सिस्टम भी पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए ठंड लगने या सर्दी-जुकाम होने पर कान में दर्द, खुजली, बंद होना या पानी निकलने की समस्या बढ़ सकती है. कई बार माता-पिता इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन लगातार चलने वाली ये समस्याएं कान के संक्रमण, मिडिल ईयर इंफेक्शन और सुनने की क्षमता पर असर डाल सकती हैं.ऐसे में सर्दियों में बच्चों के कान की देखभाल बेहद जरूरी हो जाती है. समय पर ध्यान न देने पर कई गंभीर हो सकती हैं. आइए जानते हैं कि ठंड में बच्चों को किन कान संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और कब ये स्थिति इमरजेंसी का रूप ले सकती है.
ठंड से बच्चों के कान में क्या समस्याएं हो सकती हैं?
एम्स दिल्ली में पीडियाट्रिक विभाग में डॉ. हिमांशु भदानी बताते हैं कि सर्दियों में बच्चों के कान में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. सबसे सामान्य समस्या है कान में दर्द, जो ठंडी हवा लगने या जुकाम होने से बढ़ जाता है. दूसरी समस्या है कान में खुजली, जो सूखी हवा और नमी कम होने के कारण होती है. इसके अलावा कान बंद होना या दबाव महसूस होना भी ठंड के मौसम में आम है, खासकर जब बच्चे को बार-बार सर्दी या खांसी हो.
कुछ मामलों में कान से पानी या पीला तरल निकलना संक्रमण की ओर इशारा करता है, जिसे बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. लंबे समय तक नाक बंद रहने या गले में सूजन होने से मिडिल ईयर इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है. ये समस्याएं पहली नजर में मामूली लग सकती हैं, लेकिन समय पर ध्यान न देने पर ये दर्द, बुखार और सुनने में दिक्कत जैसी परेशानियों का कारण बन सकती हैं.

बच्चों में कान की समस्याएं कब हैं इमरजेंसी का संकेत?
डॉ. हिमांशु भदानी ने बताया कि सर्दियों में बच्चों के कान से जुड़ी कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं, जिन्हें तुरंत पहचानना जरूरी है क्योंकि ये इमरजेंसी का संकेत हो सकती हैं. अगर बच्चे को तेज और लगातार दर्द हो रहा हो, दवा लेने के बाद भी आराम न मिले या कान से पानी, पस या खून निकलने लगे, तो यह गंभीर संक्रमण का संकेत है. इसी तरह तेज बुखार के साथ बच्चे का बार-बार कान पकड़ना, चिड़चिड़ापन या बहुत रोना भी खतरे की ओर इशारा करता है.
सुनने में कमजोरी, आवाज साफ न सुनाई देना या कान के आसपास सूजन और लालिमा दिखना स्थिति को और गंभीर बना देता है. अगर बच्चे को चक्कर आ रहे हों या उल्टी के साथ कान दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि यह एक इमरजेंसी स्थिति बन सकती है.
सर्दियों में कान की कैसे करें देखभाल?
माता-पिता बच्चे को ठंडी हवा से बचाएं और कान ढककर रखें.
नाक बंद होने पर तुरंत भाप या डॉक्टर द्वारा सुझाए ड्रॉप्स दें.
कान में कभी भी तेल, घी या कोई घरेलू चीज न डालें.
बच्चे को गर्म-सूप, पानी और हल्का खाना दें ताकि इम्यूनिटी मजबूत रहे.
जोर से नाक साफ न करवाएं, इससे दबाव कान तक जा सकता है.
गीले कान पर ठंडी हवा न लगने दें.
कोई भी दवा या कान की ड्रॉप हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही दें.

