बवासीर कब बन जाता है नासूर? जानिए कब दवाओं से मिल सकता है आराम

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लंबे समय तक बनी हुई कब्ज की समस्या कुछ मामलों में बवासीर की बीमारी बन जाती है. इसके मरीजों में सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि इस बीमारी में सर्जरी होगी या दवाओं से ही ठीक हो जाएगी? बवासीर में दवाएं कितनी कारगर हैं और कब सर्जरी की जरूरत पड़ती है ये जानने के लिए हमने डॉक्टरों से बातचीत की है. डॉक्टर ने बवासीर के ग्रेड से लेकर इसके लक्षणों के बारे में बताया है. बवासीर चार स्टेज में होती है और हर स्टेज का इलाज भी अलग होता है. लेकिन इस बीमारी के जो मरीज आते हैं उनमें अधिकतर को यही लगता है कि इलाज केवल सर्जरी है. कुछ मरीज इस डर में भी रहते हैं कि सर्जरी सफल नहीं होती है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. बवासीर भी अन्य बीमारियों की तरह ही है. समय पर लक्षणों की पहचान और इलाज से इसको आसानी से ठीक किया जा सकता है.

बवासीर का इलाज: लक्षण, उपचार और लेज़र सर्जरी | बैंगलोर गैस्ट्रो सेंटर

कब सर्जरी और कब दवाओं से मिल जाता है आराम
बवासीर के मामलों में शुरुआती दो स्टेज में केवल अच्छे खानपान और दवाओं के माध्यम से बीमारी को ठीक किया जा सकता है. शुरुआती दो स्टेज में आमतौर पर सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती. इन स्टेज में मरीज को हाई फाइबर डायट,पानी की मात्रा बढ़ाना, कब्ज से बचाव और दवाएं दी जाती है. अगर मरीज समय पर इलाज शुरू कर दे, तो दवाओं और डायट से कुछ महीनो में ही काफी राहत मिल जाती है.अगर कोई मरीज तीसरी या चौथी स्टेज में आता है तो फिर सर्जरी करनी पड़ सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें गांठ बड़ी हो जाती है और मरीज को खून आता रहता है और दर्द भी गंभीर हो जाता है. ऐसे में सर्जरी करनी पड़ती है. इसके लिए स्टेपलर हेमोरॉयडेक्टॉमी, लेजर सर्जरी की जाती है.

Laser Treatment Better Than Conventional Surgery for Piles | Thrissur Piles  Clinic

अधिकतर मरीज देरी से इलाज के लिए आते हैं
बवासीर के अधिकतर मरीज देरी से इलाज के लिए आते हैं. इतनी देर कर देते हैं कि उनकी बीमारी तीसरी या फिर चौथी स्टेज में होती है. ऐसे में सर्जरी ही ऑपशन होता है, लेकिन जरूरी ये है कि लोग बवासीर के लक्षणों को पहचानें. अगर किसी को लंबे समय से कब्ज है. सुबह फ्रेश होने में जोर लगाना पड़ता है और पेट में दर्द रहता है तो इस मामले में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इन लक्षणों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए.

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