पाम ऑयल क्या है? जानें सेहत के लिए क्यों माना जाता है इसे खतरनाक
भारत में तेजी से हार्ट अटैक से मौतों के मामलों में बढ़ोतरी आई है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान के बदलावों का बुरा असर सेहत पर पड़ता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ हार्ट से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। दरअसल, आजकल लोगों को घर का खाना कम पसंद आता है लेकिन रेस्टोरेंट्स में मिलने वाला खाना और बाजार में मिलने वाले पैकेज्ड फूड की क्रेविंग ज्यादा होती है। यही फूड सभी बीमारियों के कारण बन रहे हैं। बता दें कि ज्यादातर पैकेज्ड फूड को बनाने में पाम ऑयल यानी ताड़ के तेल का इस्तेमाल होता है। यूं तो ज्यादा तेल का इस्तेमाल सेहत के लिए नुकसानदायक ही होता है लेकिन अगर आप पाम ऑयल में बना खाना खाते हैं तो ये सेहत पर कुछ ज्यादा ही बुरा प्रभाव डालता है। इस लेख में हम आपको पाम ऑयल के नुकसान बता रहे हैं।
पाम ऑयल के नुकसान
पाम ऑयल पाम पेड़ों के फलों से निकाला जाने वाला तेल है, जो कि आज के समय में ज्यादातर पैकेज्ड फूड और रेस्टोरेंट्स में इस्तेमाल किया जा रहा है। दरअसल, पाम ऑयल बाकी तेलों के मुकाबले सस्ता होता है लेकिन इसमें पोषक तत्वों की कमी होती है और सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जिसके कारण डॉक्टर पाम ऑयल का सेवन करने से मना करते हैं। ऐसे में जब भी आप खाने का कोई पैकेट खरीदें तो इसमें इस्तेमाल हुई सामग्री के बारे में जरूर पढ़ें। ये सभी जानकारियां ज्यादातर पैकट के पीछे वाले भाग पर होती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2022 में भारत में पाम ऑयल की खपत आठ मिलियन मीट्रिक टन से अधिक हुई थी। बता दें कि साल 2012 के बाद से भारत में पाम ऑयल की खपत में लगभग आठ से नौ मिलियन मीट्रिक टन का उतार-चढ़ाव आया है। भारत दुनिया में पाम तेल का सबसे बड़ा आयातक है।
1. आजकल ज्यादातर लोगों की लाइफस्टाइल एक्टिव नहीं होती है और इसके साथ जब आप पैकेज्ड फूड खाते हैं तो पाम ऑयल के जरिए आपके शरीर में सैचुरेटेड फैट जाता है, जो आपकी आर्टरीज को ब्लॉक करने का काम करता है।
2. पाम ऑयल यानी ताड़ के तेल में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यााद होती है जो शरीर में एलडीएल लेवल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को बढ़ाता है, जिससे हार्ट अटैक का चांस कई गुना बढ़ जाता है।
3. पाम ऑयल का इस्तेमाल शरीर में मेटाबोलिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके कारण पाचन संबंधी गंभीर समस्याएं होने लगती हैं।
4. पाम ऑयल के ज्यादा सेवन से इंसुलिन रेजिस्टेंस विकसित हो सकता है, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
5. पाम ऑयल में होने वाला सैचुरेटेड फैट कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है। खासकर, कोलन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के लिए।
6. पाम तेल का ज्यादा सेवन लिपिड प्रोफाइल को प्रभावित कर सकता है जिससे शरीर से जुड़ी कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
डॉक्टर की सलाह है कि फिट और हेल्दी रहने के लिए लोगों को खाने में कम से कम तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। आप अपने इलाके के हिसाब से खाने के तेल का चुनाव करें। अगर आप नॉर्थ इंडिया से हैं तो सरसों के तेल का सेवन कर सकते हैं, वहीं अगर आप साउथ इंडिया से हैं तो कोकोनट ऑयल लाभदायक होगा।
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