त्योहार पर संभंलकर करें खुशबूदार मोमबत्तियों का इस्तेमाल, कहीं ये आपको कर न दें बीमार
जल्दी ही दीवाली का त्योहार आने वाला है। ऐसे में फेस्टिव वाइब अभी से आने लगी है और इसकी तैयरियां अभी से शुरू हो गई हैं। त्योहार पर लोग रंग बिरंगी लाइटें और खुशबूदार मोमबत्तियां लगाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है ये मोमबत्तियां आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक हो सकती है। मोमबत्तियों के इस्तेमाल से घर सुंदर दिखने के साथ खुशबूदार दिखने लगता है, लेकिन कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सुगंधित मोमबत्तियां सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। आइए जानते हैं कैसे -
खुशबूदार मोमबत्तियां सेहत के लिए हानिकारक होती हैं?
आपने अक्सर सुना होगा कि सिगरेट, बीड़ी के धुएं से इंसान बीमार पड़ सकता है, लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि मोमबत्ती का धुंआ भी किसी को बीमार कर सकता है। जी हां ये बात एक दम सच है। कहा जाता है खुशबू वाली मोमबत्तियां इस्तेमाल करना भी सांसों के लिए सिगरेट जितना हानिकारक है। कुछ एक्सपर्ट्स की मानें तो सुगंधित मोमबत्तियां सेहत के लिए नुकसानदायक होती हैं। इनमें हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं, जो सेहत को बिगाड़ सकते हैं।
हालांकि मोमबत्तियों का कम इस्तेमाल खराब नहीं होता है, लेकिन खुशबूदार मोमबत्तियों का ज्यादा प्रयोग सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। वैसे तो ये खुशबूदार मोमबत्तियां अरोमा थेरेपी के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, लेकिन कुछ लोगों को इनके इनका ज्यादा प्रयोग से कुछ सिर में दर्द की समस्या हो सकती है। दरअसल में खुशबूदार मोमबत्तियों में पैराफिन वैक्स होता है। इसके प्रयोग से अस्थमा और सांसों से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं। इन मोमबत्तियों में सिंथेटिक सुगंध होती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
खुशबूदार मोमबत्तियों का सीमित प्रयोग नुकसानदायक नहीं
हाल ही में एक स्टडी में बताया गया कि कभी-कभी आप इस तरह की मोमबत्तियों का प्रयोग कर सकते है। कभी कभी मोमबत्ती के प्रयोग से सेहत को नुकसान नहीं होता है, लेकिन रोजाना किसी भी तरह की चीज का प्रयोग आगे चलकर सेहत को प्रभावित कर सकता है। खुशबूदार मोमबत्तियों में फॉर्मेल्डिहाइड और बेंजीन नाम के केमिकल्स पाए जाते हैं। इन केमिकल्स के ज्यादा प्रयोग से कैंसर का खतरा हो सकता है।
मोमबत्ती के धुएं से इन लोगों को खतरा-
दमा रोगी-
मोमबत्ती का धुआं अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है, जिससे खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। ऐसे में दमा के मरीज इससे उचित दूरी बनाएं रखें।
एलर्जी से पीड़ित-
एलर्जी वाले व्यक्तियों, विशेष रूप से जिन्हें पराग या धूल के कणों से एलर्जी है, उन्हें मोमबत्ती के धुएं से उचित दूरी रखनी चाहिए। धुएं में मौजूद कण आपकी तबीयत को खराब कर सकते हैं।
श्वसन संबंधी परेशानियां-
जिन व्यक्तियों को पहले से ही श्वसन संबंधी समस्याएं हैं, जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) या ब्रोंकाइटिस, उन्हें मोमबत्ती के धुएं से सावधान रहना चाहिए।
बच्चे और बुजुर्ग-
छोटे बच्चों और बड़े वयस्कों की प्रतिरक्षा प्रणाली दूसरों की तुलना में कमजोर होती है। मोमबत्ती का धुआं उनके लिए अधिक हानिकारक हो सकता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
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