कैंसर का रिस्क कम कर सकती है यह चाय, जानें कितने कप से बनेगी बात

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चाय का सेवन न सिर्फ दिन की शुरुआत को ताजगी से भर देता है, बल्कि यह किसी टॉपिक पर गपशप करने या बुरे दिन को बेहतर बनाने के लिए भी एक बेहतरीन साथी बन जाती है। चाहे सिर दर्द हो, जुकाम या खांसी, चाय इन समस्याओं से राहत दिलाने में भी सहायक मानी जाती है।

भारत और दुनिया भर में चाय का सेवन सदियों से होता आ रहा है। यह भारतीय जीवनशैली का अहम हिस्सा बन चुकी है और इसका सेवन दिनचर्या में आवश्यक माना जाता है। चाय पर विभिन्न प्रकार की रिसर्च भी की जा चुकी है, जो इसके फायदों और नुकसानों को दर्शाती हैं। अगर आप सही तरीके से, सही समय पर और उचित मात्रा में चाय का सेवन करते हैं तो इसके फायदों का पूरा लाभ उठा सकते हैं।

ब्लैक टी, जो कि चाय के प्रमुख प्रकारों में से एक है, भारत में बड़े पैमाने पर सेवन की जाती है। इसे लोग अपने घरों में अलग-अलग तरीके से तैयार करते हैं। क्या आप जानते हैं कि ब्लैक टी आपके स्वास्थ्य के लिए अनगिनत लाभ प्रदान करती है? आज हम आपको इस चाय के एक ऐसे छिपे हुए लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं, जो शायद आपने पहले नहीं सुना होगा।

UCLA हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश चाय से जुड़े फायदे पॉलीफेनॉल एंटीऑक्सीडेंट्स से आते हैं, जो कई क्रॉनिक बीमारियों से बचाव करने में सहायक होते हैं। लेकिन ब्लैक टी में एक विशेष प्रकार का पॉलीफेनोल पाया जाता है, जिसे थियाफ्लेविन कहा जाता है, जो अन्य प्रकार की चाय में नहीं होता। यह पॉलीफेनॉल्स का 3-6% हिस्सा होते हैं, जो ब्लैक टी को अद्वितीय फायदे प्रदान करते हैं।

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ब्लैक टी के फायदे: दूध वाली चाय से अधिक लाभकारी

ब्लैक टी का नियमित सेवन दूध वाली चाय की तुलना में कई दृष्टियों से अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं और कैलोरी की मात्रा भी कम होती है। यह चाय केवल सामान्य लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि डायबिटिक लोगों के लिए भी एक बेहतर विकल्प बन सकती है, क्योंकि इसे पीने से ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता है। वहीं, दूध वाली चाय में अधिक चीनी और वसा होती है, जिससे ज्यादा दूध और चीनी वाली चाय का सेवन करने से वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है।

ब्लैक टी और कैंसर से सुरक्षा

अब हम बात करते हैं ब्लैक टी के उस लाभ की, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। कुछ शोधों के मुताबिक, ब्लैक टी पीने से कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो सकता है। शोधकर्ताओं ने दशकों तक चाय के कैंसर पर प्रभाव का अध्ययन किया है, जिसमें यह पाया गया कि चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स, खासकर ब्लैक टी में, कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

UCLA हेल्थ ने एक रिपोर्ट में बताया कि ब्लैक टी स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (स्किन कैंसर) के खतरे को कम करने में सहायक हो सकती है। इसके अलावा, 64 अध्ययनों की समीक्षा के बाद यह निष्कर्ष सामने आया कि सभी प्रकार की चाय ओरल कैंसर से बचाव में मदद कर सकती हैं। ब्रेस्ट, गायनेकोलॉजिकल, फेफड़े और थायरॉयड कैंसर जैसे अन्य कैंसर भी इस सूची में शामिल हैं।

कैफीन का सेवन और सावधानी

ब्लैक टी में कैफीन की मात्रा आमतौर पर प्रति कप 50 से 90 मिलीग्राम होती है, जो इसे एक हल्का लेकिन प्रभावी उत्तेजक बनाती है। यह कैफीन मानसिक सतर्कता और ध्यान को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे दिनभर ऊर्जा मिलती है। हालांकि, बहुत अधिक कैफीन का सेवन स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे चिंता, नींद में खलल, और दिल की धड़कन बढ़ना। इसलिए, एक दिन में 2-3 कप ब्लैक टी का सेवन सुरक्षित और फायदेमंद रहता है। यदि आप ब्लैक टी का सेवन करते हैं, तो ध्यान रखें कि अत्यधिक कैफीन से बचने के लिए इसे सीमित मात्रा में ही पिएं।

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