एंग्जायटी से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये 5 योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका 

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आजकल की बिगड़ती जीवनशैली के कारण कई लोग एंग्जायटी से परेशान हैं। यह मानसिक विकार चिंता और तनाव के कारण होता है। इससे राहत पाने के लिए ज्यादातर लोग कई तरह की दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए यह सही नहीं है। इसके लिए योग एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है। इसे आपको अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। आइये आज हम आपको इस समस्या से राहत पाने के लिए 5 योगासन बताते हैं।

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सुखासन 
इस मुद्रा के नाम में ही 'सुख' है यानी 'खुशी', इसलिए यह योगासन आपको तनावमुक्त रखने में मदद करता है। इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ को सीधा करके बैठें। अब बाएं पैर को घुटने से मोड़ें और दाएं पैर की जांघ के नीचे रखें। इसके बाद दाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर की जांघ के नीचे रखें। अब दोनों हाथों को ध्यान मुद्रा में घुटनों पर रखें और अपनी दोनों आंखों को बंद करें।

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श्वासन 
सबसे पहले योगा मैट पर लेट जाएं और आंखें बंद कर लें। अब दोनों हथेलियों को शरीर से लगभग एक फीट की दूरी पर रखें और पैरों को एक-दूसरे से लगभग दो फीट की दूरी पर रखें। अब धीरे-धीरे सांस लें और पूरा ध्यान सांस पर लगाने की कोशिश करें। अंत में दाईं ओर करवट लेकर उठें और आसन को छोड़ दें।यह योग एंग्जायटी से राहत दिलाने और आपके मन को शांत करने में मददगार है।

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विपरित करणी 
सबसे पहले एक दीवार के पास बैठें और फिर योगा मैट पर लेट जाएं। अब कूल्हों को दीवार के पास ले जाएं और फिर पैरों को सीधा ऊपर उठाएं। इस दौरान दोनों हाथों को बगल में रखें और अपना ध्यान सांस पर रखें। कुछ मिनट तक इसी स्थिति में रहें और फिर सामान्य हो जाएं। यह योग एंग्जायटी के कारण होने वाले सिरदर्द, मतली, नींद न आने और मांसपेशियों की जकड़न से राहत दिलाने में मददगार है।

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बालासन 
इसके लिए योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं।अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं।इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेंगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। यह योगासन थकान को खत्म और मन को शांत करता है, जिससे आपको आरामदायक महसूस होता है।

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त्रिकोणासन 
त्रिकोणासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और फिर दोनों पैरों को जितना हो सके उतना खोलें। इसके बाद दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं और फिर एक हाथ की उंगलियों से उसी तरफ के पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इस दौरान दूसरा हाथ सीधा आसमान की तरफ होना चाहिए।अब इसी प्रक्रिया को दूसरे हाथ की दूसरी तरफ से दोहराएं।

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