Diwali का त्योहार इस सब्जी के बिना है अधूरा! जानें महत्व और खाने के फायदे

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दिवाली पर जिमीकंद, जिसे सूरन भी कहा जाता है, खाने का अपना एक अलग महत्व है।जिमीकंद को शुद्धि और स्वास्थ्य से जोड़ा जाता है और दिवाली के पावन अवसर पर इसे खाना शुभ माना जाता है। दिवाली के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को अन्नकूट या गोवर्धन पूजा के दिन भी जिमीकंद खाने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जिमीकंद खाने से तन-मन की शुद्धि होती है और यह शरीर को रोग-मुक्त और तंदुरुस्त बनाने में मदद करता है।

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जिमीकंद का महत्व
दीपावली पर जिमीकंद या सूरन खाने की कथा पौराणिक है। उन मान्यताओं के अनुसार ही इसे दिवाली पर बनाकर खाने से घर में सुख-समृद्धि आने की बात कही जाती है। इस सब्जी को साफ-सुथरे तरीके से बनाकर मां लक्ष्मी को भोग भी लगाया जा सकता है। इसके पीछे की कहानी है कि कहा जाता है इस सब्जी को जड़ से काट दें, तो भी यह दोबारा उग जाता है, जो कि समृद्धि और विकास का प्रतीक है। भले ही दिवाली पर जिमीकंद खाना एक परंपरा है, लेकिन इस सब्जी को खाने से सेहत को भी कई लाभ मिलते हैं।

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जिमीकंद खाने के फायदे
1. पाचन तंत्र सुधारें- 

जिमीकंद में हाई फाइबर होता है जो पेट और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है और कब्ज़ जैसे मसलों को दूर रखता है।

2. इम्यूनिटी- 
इस सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ-साथ विटामिन-सी भी होता है, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।

3. खून साफ करें–
 जिमीकंद खाने से खून को साफ करने में भी मदद मिलती है, जिससे त्वचा की सेहत को भी बढ़ावा मिलता है।

4. वजन कम करें- 
जिमीकंद एक लो कैलोरी और हाई फाइबर वेजिटेबल है, जिस वजह से यह वजन कम करने में भी सहायक है और पेट को देर तक भरा हुआ महसूस कराता है।

5. शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद-
 जिमीकंद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, जो मधुमेह के मरीजों के लिए लाभकारी है क्योंकि यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।


 

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