हार्ट फेल होने से पहले शरीर देने लगता है ये 7 संकेत, समय रहते पहचान लेने पर बच सकती है जान
आज के समय में दिल से जुड़ी परेशानियां अधिक सुनने को मिलती हैं। इनमें से हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर आम हो गए हैं। हार्ट फेलियर की स्थिति में फेफड़ों और शरीर के दूसरों अंगों को काम करने के लिए हार्ट पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं पहुंचा पाता है। ऐसा तब होता है जब हार्ट डैमेज हो, कमजोर हो या जितना ब्लड पंप करना चाहिए वह उतना भी नहीं कर पा रहा हो। यह संभावित रूप से घातक स्थिति है, अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह समय के साथ और भी बदतर होती जाती है। इसीलिए डॉक्टरों का कहना है कि जितनी जल्दी इसका पता चल जाए, मरीजों के लिए उतना ही अच्छा है। आइए जानते हैं इसके बारे में-
हार्ट फेलियर को कैसे रोकें?
हार्ट फेलियर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हृदय शरीर के चारों ओर रक्त को ठीक से पंप करने में विफल रहता है। हार्ट फेलियर को आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है कि जब अपना काम करने में दिल कमजोर हो गया है। जब किसी ने पहले दिल का दौरा झेल लिया हो, जिनके दिल की सारी मसल्स पूरी तरह ब्लड पंप करने में अमसर्थ हों। हार्ट फेलियर एक गंभीर मेडिकल स्थिति है, जिसे समय पर ठीक किया जा सकता है और उचित दवा और जीवनशैली में बदलाव के साथ इसे रोका जा सकता है। कुछ मामलों में पेसमेकर भी मदद कर सकता है और अगर ये भी काम नहीं आता है तो सर्जरी काम आ सकती है, लेकिन पहला कदम ये है कि इससे जुड़े शुरुआती संकेतों को पहचानना।
हार्ट फेलियर से पहले हमारा शरीर कुछ संकेत देने लगता है जिन्हें समय पर पहचानना बेहद जरूरी है-
सूजन या एडिमा शरीर के कुछ हिस्सों जैसे टखनों में देखी जा सकती है। यह आम तौर पर समय के साथ बढ़ता है।
जब हार्ट सही तरह से ब्लड पंप नहीं करता है, तब ब्रेन तक ब्लड सही तरह से नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में कई चीजें भूलने की समस्या होती है।
सांस फूलना हार्ट फेलियर का प्रमुख, सामान्य लक्षण माना जाता है.यह स्थिति तब होती है जब हृदय शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल हो जाता है और जब कोई व्यक्ति स्वयं पर दबाव डालता है। हार्ट शरीर को बताता रहता है कि वह दबाव झेलने में विफल हो रहा है। जब आपका शरीर सही तरह से एक्टिव नहीं होता है तो सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसे गंभीरता से लेना चाहिए, वरना स्थिति बिगड़ सकती हैं।
एक कमजोर दिल भी दबाव झेलने की कोशिश करता है, जिसके परिणामस्वरूप थकान होती है।
किसी को ऐसा भी महसूस हो सकता है कि दिल की धड़कन रुक गई है या दिल धड़कना बंद हो गया है। इसका कारण यह है कि एक कमज़ोर दिल शरीर की मांगों को पूरा करने के लिए जरूरत से ज़्यादा क्षतिपूर्ति करता है। यह बहुत तेजी से धड़कने लगता है जिसके परिणामस्वरूप घबराहट होने लगती है।
अगर अचानक से शरीर का वजन बढ़ जाए या शरीर के कुछ अंगों में सूजन की समस्या नजर आए तो सावधान हो जाना चाहिए।
गले में खराश की समस्या लंबे समय तक होने पर या कभी-कभी खांसी के साथ सफेद या हल्के लाल बलगम आना भी हार्ट फेलियर का संकेत हो सकते है।
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