स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है ज्यादा सोना, होती हैं यह बीमारियां, बन सकती है मौत का कारण

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अच्छी नींद और बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि हर व्यक्ति पूरी नींद लें। एक सामान्य व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य के लिए 6 से 8 घंटे सोना जरूरी है। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपनी पूरी नींद नहीं ले पाते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रोजाना जरूरत से ज्यादा सोते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कम सोना ही नहीं बल्कि अधिक सोना भी आपके लिए हानिकारक हो सकता है। जरूरत से ज्यादा नींद लेना न सिर्फ मोटापे का कारण बनता है बल्कि इससे आप डायबिटीज जैसी बीमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं। आइए जानते हैं जरूरत से ज्यादा सोने पर क्या नुकसान हो सकता है।आपको अपने उम्र के हिसाब से नींद लेनी चाहिए। अगर आप बीस साल से ऊपर हैं तो आपको रोजाना सात घंटे की नींद लेनी चाहिए। लेकिन अगर आप 50 से 60 साल के बाद के हैं तो आपको साढ़े छः घंटे व आठ घंटे सोना चाहिए। इसके अलावा अगर आप दिन में ज्यादा काम करते हैं तो आपको ज्यादा सोना चाहिए। 

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मोटापा

शरीर के बढ़ते मोटापे का सीधा असर आपके सोने के समय से होता है। जब आप सोते हैं तो आपके शरीर की कैलोरी बर्न नहीं होती। जिससे आपके शरीर का वजन बढ़ता है। कई शोध में ये बात सामने आई है कि ज्यादा सोने से कई तरह की मनोवैज्ञानिक बीमारियों का खतरा बना रहता है।

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सिरदर्द

आम तौर पर ज्यादा सोने वालों में सिरदर्द की शिकायत देखी जाती है। यह मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर में उतार-चढ़ाव के कारण हो सकता है, जिसमें नींद के दौरान सेरोटोनिन बढ़ सकता है, जिससे सिरदर्द हो सकता है।

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पीठ में दर्द

ज्यादा देर तक सोने से आपकी पीठ में दर्द हो सकता है। ऐसा इस लिए होती है क्योंकि ज्यादा देर तक सोने से शरीर में खून के बहाव पर बुरा असर पड़ता है और आपकी पीठ अकड़ जाती है।

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दिल की बीमारी बढ़ने का खतरा

अमरीकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय तक सोने से लेफ्ट वेंटिकुलर का वजन बढ़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ने लगती है। एक दूसरे शोध में ये पाया गया है देर तक सोने की वजह से स्ट्रोक का जोखिम 46 फीसदी हो जाता है। इस स्टडी के मुताबिक, जो महिलाएं 9 से 11 घंटे की नींद लेती हैं उनमें दिल के रोग होने की संभावना 38 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।

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डिप्रेशन होने की संभावना

ज्यादा देर तक सोना आपके मूड को प्रभावित कर सकता है और इससे आपको डिप्रेशन भी हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो नींद मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती है। लंबी नींद से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, जबकि न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को बढ़ाने के लिए अधिक शारीरिक गतिविधि महत्त्वपूर्ण है, जो आपकी मनोदशा को बेहतर बनाती है। इसलिए सोने का एक नियम बनाएं। कोशिश करें की रात को 10 से 11 के बीच सो जाएं और सुबह 7 से 8 बजे तक उठ जाएं।

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