गलत दिनचर्या से होने वाले रोगों को रोकता कोदो, जानिए सेवन करने का सही तरीका
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दुनिया पहले की तुलना में मोटे अनाज की तरफ रुख अब ज्यादा कर रही है। रागी, कोदो जैसे अनाज भी अब भोजन की थाली का हिस्सा बन रहे हैं। सेहत के लिए कोदो का अपना महत्त्व बताया गया है। आयुर्वेद में इस अनाज को क्षुद्र धान्य कहा गया है यानी धान जो आसानी से पच जाए। इसके साथ ही शरीर से फैट कम करने में इनका बहुत महत्त्व होता है। हालांकि यह अनाज वात दोष बढ़ाता है तो इसे गर्मी के मौसम में खाना उत्तम है। इसे कोद्रव और कोरदूष भी कहा जाता है।
अधिक वजन वाले ज्यादा खाएं
मोटापा ग्रसित लोगों को कोदो खाना चाहिए। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। यह पेट और कमर के आसपास के फैट को कम करने में सहायक है। यह लो ग्लाइसीमिक इंडेक्स फूड माना गया है। इस कारण से इसे डायबिटीज रोग में बेहतर बताया गया है। इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम होता है। इसे खाने से ब्लड शुगर का स्तर नहीं बढ़ता है। साथ ही सांस और एलर्जी से जुड़े रोगियों को भी लाभ मिलता है।
प्राचीन अन्न
यह प्राचीन अन्न है जिसे ऋषि अन्न भी कहते हैं। इसके दाने में 8.3 प्रतिशत प्रोटीन, 1.4 प्रतिशत वसा, 65.9 प्रतिशत कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट जैसे तत्त्व पाए जाते हैं जो डायबिटीज में और गुर्दों व मूत्राशय के लिए लाभकारी है। यह रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के प्रभावों से भी मुक्त है। इसमें चावल के मुकाबले कैल्शियम की मात्रा 12 गुना अधिक होती है।
खाने का सही तरीका
कोदो को आप खीर के रूप में खा सकते हैं। जिस तरह से चावल की खीर बनाई जाती है, उसी तरह से आप कोदो की खीर भी बना सकते हैं। इसके अलावा कोदो पुलाव, कोदो डोसा बनाकर भी खा सकते हैं।
इन उपायों से भी लाभ
पाचन समस्या में कोदो का भात, दही के साथ खाएं। खीर भी खा सकते हैं।
पाइल्स हैं तो कांजी के साथ इसका भात खाना चाहिए।
चेहरे पर निखार के लिए कोदो पाउडर को हल्दी व बेसन के साथ पेस्ट तैयार कर लगाएं। इससे चेहरे पर निखार आएगा।