गर्मियों में अमृत के समान हैं मटके का पानी, हेल्थ को मिलते हैं ये गजब के फायदे
गर्मी का मौसम शुरू होते ही लोग ठंडा पानी पीना शुरू कर देते हैं। इन दिनों में प्यास ठंडे पानी से ही बुझती हैं। लेकिन फ्रिज का पानी हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित होता है। ऐसे में आपको मटके का पानी पीना चाहिए जो गर्मियों में अमृत के समान माना जाता हैं। जब पानी मटके में रखा जाता है, तो इसमें ऊर्जा का सम्पर्क होता है और यह ऊर्जा शुद्ध करने का काम करती है। ऐसे में अगर आप खुद को बीमारियों से दूर रखना चाहते हैं तो फ्रिज का पानी पीने के बजाय मटके का ठंडा पानी पिएं और अपनी प्यास बुझाएं। मटके का ठंडा पानी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह मटके का पानी सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाए
मटके का पानी पीने से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है। वहीं प्लास्टिक के बर्तनों में पानी रखने और पीने से पानी अशुद्ध हो जाता है। ऐसे में आपको मटके का पानी ही पीना चाहिए। इससे शरीर मे टेस्टोस्टेरोन का लेवल भी बढ़ जाता है।
लू लगने से बचाए
गर्मियों में लू लगने से लोगों को बीमार होने का खतरा होता है और मटके में पानी रखना इससे बचने में मददगार हो सकता है। मिट्टी के बर्तनों से पानी पीने से शरीर को लू लगने से बचाने वाले मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस आदि शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, मटके के पानी में कुछ औषधीय गुण भी होते हैं जो शरीर को ठंडा करते हैं और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
गले को रखे स्वस्थ
अक्सर आपने देखा होगा गर्मियों में लोग फ्रिज का रखा ठंडा पानी पीते हैं जो गले को नुकसान पहुंचाता है। ठंडा पानी पीने से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक गिर जाता है, जिससे गले की ग्रंथियों मे सूजन आ जाती है और गला बैठ जाता है। जबकि घड़े का पानी पीने से गले पर किसी तरह का बुरा असर नहीं होता है।
सर्दी-जुकाम से बचाव
गर्मियों में फ्रिज का पानी पीने से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक कम हो जाता है, जिससे सर्दी-जुकाम और गले की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जब भी फ्रिज से पानी पीना हो, उसे सामान्य कमरे के तापमान में रखने के बाद ही पीना चाहिए। इससे गले की समस्याओं से बचा जा सकता है।
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखे
मटके का पानी पेट के लिए भी फायदेमंद होता है। दरअसल, मिट्टी के बर्तन में रखा पानी नैचुरली एल्कलाइन होता है, जिससे पीएच संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है। रोजाना मटके का पानी पीने से पेट में गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
मेटाबॉलिज्म करता है बूस्ट
प्लास्टिक के बर्तनों में बीपीए जैसे हानिकारक केमिकल्स होते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। प्लास्टिक के कंटेनर में रखा पानी से हार्मोन बाधित होते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा होता है और वजन बढ़ता है। जबकि, मटके में रखे पानी में कोई हानिकारक केमिकल नहीं होता है। इस पानी को पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है।
गैस में राहत पहुंचाए
अगर आप मटके का पानी पीते हैं तो इससे पेट में बनने वाली गैस की समस्या में भी आराम मिलता है। जिसे गैस या एसिडिटी रहती है उसे मटके का पानी ही पीना चाहिए। मिट्टी के बर्तन वाला पानी पीने में भी स्वादिष्ट लगता है। ऐसे में आप ज्यादा पानी पीते हैं।
आयरन की कमी होगी दूर
मटके का पानी आयरन की कमी दूर करने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा भी, आयरन से भरपूर आहार खाना बहुत जरूरी होता है। मटके में पानी रखने से पानी में कुछ अतिरिक्त तत्व शामिल होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, जैसे कि सिलिका, आयरन और कैल्शियम। हालांकि, मटके में पानी रखने से शरीर के दर्द और सूजन में आराम मिल जाता है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
घड़े का पानी पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मटके का पानी पीने से शरीर में बैड कॉलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है जिससे हार्ट अटैक की संभावनाएं भी कम हो जाती हैं।
नए मटके का इस्तेमाल कैसे करें
नए मटके को इस्तेमाल करने के लिए इसे नल के पानी से धो लें। फिर मटके को 24 घंटे के लिए पानी से भर दें और अगले दिन इस पानी को हटा दें। इस पानी का इस्तेमाल आप पौधों के लिए कर सकते हैं। ऊपर दी गई प्रक्रिया को दूसरे दिन भी दोहराएं। फिर तीसरे दिन से ताजा पानी पीना शुरू करें। मटके को कभी भी कपड़े से न लपेटें क्योंकि इससे पानी ठंडा होने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। कोई भी सामान्य मटका साल भर इस्तेमाल किया जा सकता है। फिर भी, अगर आप देखते हैं कि मटके में कुछ दरारें हैं या वह पानी को ठंडा नहीं कर रहा है, तो आपको इसे बदलने की जरूरत है।
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