दालचीनी की जगह कहीं आप खा तो नहीं रहे अमरूद की छाल, आज ही जानें असली और नकली का अंतर

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दालचीनी जिसका इस्तेमाल हम और आप खाने और लगाने के लिए करते हैं, ये नकली भी हो सकता है। दरअसल, बाजार में दालचीनी के नाम पर कई पेड़ों की छाल बिक रही हैं। जैसे कि अमरूद और कैसिया की छाल। दरअसर, एक नजर में आप इनकी रूप रंगत को देखकर धोखा खा सकते हैं और इसके पीछे पैसा बर्बाद कर सकते हैं। जबकि, अगर आप थोड़ा सा ध्यान दें तो असली और नकली दालचीनी का अंतर  समझ सकते हैं। कैसे, जानते हैं इस बार में विस्तार से।

असली और नकली दालचीनी में कैसे करें पहचान

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असली दालचीनी की परत चिकनी होती है
असली दालचीनी की परत ऊपर से थोड़ी चिकनी होती है। इसलिए जब भी आप दालचीनी खरीदने जाएं तो इस बात को याद रखें कि दालचीनी की परत को ध्यान से देखें और छूकर खरीदें। इनकी जगह अगर अमरूद और कैसिया की छाल होगी तो वो खुरदुरी महसूस होगी। साथ ही इनकी बनावट असली दालचीनी जैसी नहीं होगी। 

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पतली रोल सी होती है दालचीनी
अगर आप दालचीनी को देखें तो समझ जाएंगे कि ये एक पतली रोल सी होती है। ये इतनी नाजुक होती है कि छूते ही टूट सकती है। जबकि, आप नकली दालचीनी को देखेंगे तो ये छाल के रूप में होगा जिसमें रोल जैसी कोई चीज नहीं होगी या होगा भी तो खोखला सा होगा। ये टूटा और बिखरा हुआ मोटा-मोटा सा छाल होगा।

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रंग और गंध से पता करें फर्क
दालचीनी की आप रंग और गंध से इनका फर्क पता कर सकते हैं। दरअसल, असली दालचीनी का रंग हल्का भूरा होता है तो, नकली दालचीनी का रंग गहरा भूरा हो सकता है। इसके अलावा जब आप छूकर देखेंगे तो नकली दालचीनी का रंग आपके हाथों में लग जाएगा, क्योंकि कई बार इनपर रंग चढ़ाया जाता है। जबकि, असली वाली दालचीनी का रंग नहीं निकलता है। साथ ही अब गंध की बात करें तो नकली वाली दालचीनी की की खुशबू तीखी और अजीब सी आती है। जबकि, असली वाली दालचीनी की गंध मीठी सी होती है। 

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