अगर दांतों के बीच फंसा है प्लाक, तो बढ़ सकता है स्ट्रोक का खतरा; नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

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अगर आपके दांतों के बीच प्लाक फंसा हुआ है और आपने लंबे समय से इसे साफ नहीं करवाया है, तो आपको स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सप्ताह में कम से कम एक बार मसूड़ों के बीच फंसे प्लाक को साफ करने वाले लोगों पर स्ट्रोक का खतरा कम होता है। यह शोध यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किया गया है और इसे जल्द ही लॉस एंजिल्स में आयोजित इंटरनेशनल स्ट्रोक कॉन्फ्रेंस में पेश किया जाएगा।

 मुंह की बीमारियों का असर हमारे शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ सकता है। यदि दांत और मसूड़े स्वस्थ नहीं होते हैं, तो इससे शरीर में सूजन बढ़ने का खतरा रहता है, जो धमनियों में रुकावट का कारण बन सकता है। इससे खून का थक्का जमने की संभावना भी बढ़ जाती है, जो कि अंततः स्ट्रोक का कारण बन सकता है।

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फ्लॉसिंग से कम कर सकते हैं स्ट्रोक का खतरा

दांतों के बीच फंसे बैक्टीरिया और प्लाक को हटाने की प्रक्रिया को फ्लॉसिंग कहा जाता है। एक नई स्टडी में यह सामने आया है कि जो लोग सप्ताह में कम से कम एक बार फ्लॉसिंग करते हैं, उनमें खून के थक्कों के कारण होने वाले स्ट्रोक का खतरा 22% तक कम हो जाता है। इसके अलावा, फ्लॉसिंग करने वाले लोगों में एट्रियल फाइब्रिलेशन (हृदय रोग) का खतरा 12% और हार्ट से आने वाले खून के थक्कों के कारण होने वाले स्ट्रोक का खतरा 44% तक घटता है।

मुंह की बीमारियों का बढ़ता खतरा

आजकल मुंह की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रही हैं। एक वैश्विक स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में दांतों में सड़न और मसूड़ों की बीमारी जैसी समस्याओं से 3.5 अरब लोग प्रभावित हुए थे, और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मुंह की बीमारियों के कारण शरीर के अन्य अंगों पर भी नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे सूजन और खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है।

इस अध्ययन के परिणामों से यह स्पष्ट है कि नियमित फ्लॉसिंग न केवल दांतों की सफाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह गंभीर समस्याओं, जैसे स्ट्रोक और हृदय रोग, से बचाव में भी मददगार साबित हो सकता है।

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