प्रदूषण में बढ़ जाता है साइलेंट स्ट्रोक का खतरा? डॉक्टर से जानें इसके खतरे

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बढ़े हुए प्रदूषण और सर्दी के कारण साइलेंट स्ट्रोक (लकवा) मारने का खतरा भी है. डॉक्टरों का कहना है कि इस समय प्रदूषण और ठंड से खुद को बचाना जरूरी है. खासकर उन लोगों को जिनको पहले से हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या है. प्रदूषण से साइलेंट स्ट्रोक क्यों आ सकता है. हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल वालों को खतरा क्यों है और बचाव कैसे करें इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि प्रदूषण मेंनाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे कण केवल फेफड़ों को ही नहीं ब्रेन को भी नुकसान करते हैं. इससे एक ऐसे स्ट्रोक जिसके लक्षण आसानी से पता नहीं चलते हैं इसका खतरा रहता है. साइलेंट स्ट्रोक में दिमाग की छोटी- छोटी नसों में ब्लॉकेज हो जाती है और इससे लकवा मार जाता है.

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प्रदूषण से स्ट्रोक आने का खतरा क्यों है?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस समय प्रदूषण बढ़ा हुआ है और सर्दी भी बढ़ गई है. बढ़ा हुए प्रदूषण के कारण पीएम 2.5 का लेवल में भी इजाफा हुआ है. ये छोटे- छोटे प्रदूषित कण सांस के जरिए लंग्स में जाते हैं और फिर पूरे शरीर में खून के जरिए पहुंच जाते हैं. ये ब्रेन की नसों को भी नुकसान कर सकते हैं.

ये नसों में सूजन करते हैं और खून को गाढ़ा करते हैं. इससे नसों में ऑक्सीजन सप्लाई कम होकर दिमाग को नुकसान पहुंचता है. खासतौर पर उन लोगों को जिनको पहले से हाई बीपी की शिकायत है. ऐसे इसलिए क्योंकि इन लोगों मे पहले से ही नसों में ब्लॉक का रिस्क होता है. बढ़ा हुआ प्रदूषण इसमें और इजाफा कर देता है.ऐसे में प्रदूषण और ठंड का कॉकटेल साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता हैं. इसके लक्षण भी एकदम पता नहीं चल पाते हैं.

किस तरह के लक्षण दिखते हैं?

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सिर में तेज दर्द बने रहना

चलते समय बैलेंस बिगाड़ सकता है

धुंधला दिखता है

सुबह उल्टी आती है.

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साइलेंट स्ट्रोक से बचाव कैसे करें
साइलेंट स्ट्रोक से बचाव के लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले प्रदूषण और ठंड से बचाव करें. इसके लिए मास्क लगाएं और सुबह शाम घर से बाहर निकलने से बचें. अगर आपको हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो इसको कंट्रोल करें. खून पतला करने की दवाएं लेते हैं तो डॉक्टर की सलाह पर ही इनको बंद करें. अगर साइलेंट स्ट्रोक का एक भी लक्षण दिख रहा है तो तुरंत अस्पताल जाएं और इस मामले में लापरवाही न करें.

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