सोने से पहले बच्चे को देते हैं दूध? हो जाइए सावधान, हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां – जानिए सही समय और तरीका

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बचपन से ही बच्चों को दूध पिलाना भारतीय पैरेंट्स की एक आम आदत रही है। चाहे बच्चा दूध पीने में कितनी भी नखरेबाज़ी करे, पैरेंट्स यह ज़रूर सुनिश्चित करते हैं कि बच्चा दूध पीकर ही सोए। बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए दूध पीना जरूरी भी माना जाता है। हालांकि, कई पेरेंट्स इसे सोने के समय से ठीक पहले देने की गलती कर बैठते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। पैरेंट्स को लगता है कि सोने से पहले दूध पीने से बच्चा सेहतमंद रहेगा, अच्छी नींद आएगी, ग्रोथ बेहतर होगी और वजन भी बढ़ेगा। लेकिन असलियत यह है कि यह आदत कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। आइए जानें कि आखिर क्यों सोने से पहले दूध देना सही नहीं है और दूध देने का सबसे उचित समय कौन-सा है।

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1. पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं

सोने से ठीक पहले दूध पीने से बच्चों को पेट की दिक्कतें हो सकती हैं। दूध एक भारी पदार्थ होता है, जिसे पचाना आसान नहीं होता। इसलिए यदि बच्चा सोने से पहले दूध पीता है, तो उसे गैस, पेट दर्द या ब्लोटिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे उनकी नींद पर भी असर पड़ता है, और यह उनकी ओवरऑल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। खासतौर पर पाचन तंत्र कमजोर होने पर यह आदत हानिकारक बन जाती है।

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2. दांतों की सेहत पर असर

रात में दूध पीकर सोने से बच्चों के दांत भी प्रभावित हो सकते हैं। भले ही आप दूध में चीनी न डालें, लेकिन दूध में मौजूद प्राकृतिक शुगर (लैक्टोज) मुंह में बैक्टीरिया के संपर्क में आकर एसिड में बदल जाती है, जो दांतों को नुकसान पहुंचाती है। इससे कैविटी, दांतों में कीड़े और दांतों के कमजोर होने की संभावना बढ़ जाती है।

निद्रा - विकिपीडिया

3. नींद पर भी पड़ सकता है असर

पैरेंट्स मानते हैं कि गर्म दूध पीने से बच्चे को अच्छी नींद आती है, लेकिन कई बार यह उल्टा असर भी कर सकता है। दूध में मौजूद नेचुरल शुगर ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकती है, जिससे बच्चा हाइपरएक्टिव हो सकता है और उसे सोने में दिक्कत हो सकती है। लगातार नींद न आने से बच्चे की मानसिक और शारीरिक ग्रोथ भी प्रभावित हो सकती है।

4. अन्य समस्याएं जिन्हें नजरअंदाज न करें

रात में दूध पीने से कुछ बच्चों को बार-बार खांसी-जुकाम की शिकायत रहती है, जिसे “मिल्क बिस्किट सिंड्रोम” भी कहा जाता है। साथ ही, छोटे बच्चों में बेड वेटिंग (बिस्तर पर पेशाब करने) की समस्या भी बढ़ सकती है। इसके अलावा फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर या शक्कर मिला हुआ दूध बच्चे के अनहेल्दी वेट गेन का कारण भी बन सकता है।

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5. सही समय कब है दूध देने का?

अब सवाल यह उठता है कि बच्चों को दूध कब देना चाहिए?

- सुबह के नाश्ते के साथ एक गिलास दूध देना एक बेहतरीन विकल्प है। इससे दूध अच्छी तरह पचता है और बच्चे को उसका पूरा पोषण भी मिलता है।
- इसके अलावा, डिनर के एक घंटे बाद भी दूध दिया जा सकता है, बशर्ते उसके बाद बच्चे को थोड़ी चहलकदमी करने दी जाए और सोने से पहले ब्रश जरूर करवाया जाए।

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