दांत निकलने के दौरान बच्चों को होती है तकलीफ, पेरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान, मिलेगा आराम
दो साल की उम्र तक का समय बच्चों के दूध के दांत निकलने का होता है। इस दौरान कई बच्चों में अक्सर देखा गया है कि उन्हें बहुत अधिक तकलीफ और दर्द से गुजरना पड़ता है। शारीरिक रूप से कमजोर हो जाने के साथ साथ इस दौरान बच्चे अधिक चिड़चिड़े और आक्रमक भी हो जाते हैं। शिशु के दांत आने के समय सिर्फ दर्द और बेचैनियों का ही सामना नहीं करना पड़ता है बल्कि और भी आम समस्याएं है । यदि बच्चा कमजोर है तो उसे अधिक समस्याएं होने लगती हैं। पैरेंटस के लिए बच्चे को रोता हुआ देखना सबसे ज्यादा पीडादायक होता है और जब बच्चा तकलीफ में हो तो मुश्किलें और भी बढ जाती हैं। इस समय बच्चे को आराम दिलाने के लिए डॉक्टर विटामिन और कैल्शियम लिख सकते हैं लेकिन पैरेंट होने के नाते अपने बच्चे के दर्द को करने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते हैं। आइए जानते हैं दांत निकलते वक्त पेरेंट्स बच्चों के साथ क्या करें उनमें क्या लक्षण दिखते हैं और इनके उपाय।
बच्चों में दांत निकलते वक्त दिखते हैं ये लक्षण
दांत निकलते वक्त बच्चे को दस्त होने लगते हैं। बच्चों के मसूड़ों में सूजन और दर्द भी हो सकती है। कब्ज के कारण पेट दर्द की समस्या हो सकती है। बच्चा दर्द के कारण अक्सर रोता है।बच्चा चिड़चिड़ा होने लगता है। बच्चा मुंह से काटने की कोशिश करने लगता है। बच्चों के मसूढ़ों के मांस को चीर कर दांत बाहर निकलते हैं, इसलिए उनमें दर्द और खुजली होती है। इस तकलीफ से राहत पाने के लिए वह इधर-उधर की चीजें उठा कर उन्हें चबाने की कोशिश करते हैं।
करें हल्के हाथों से मालिश
बच्चे के दांत निकलते समय यदि उसे तेज दर्द होता है, तो वह दिन भर रोता रहता है। ऐसे में आपके द्वारा हल्के हाथों से की गई मालिश आपके शिशु को आराम दिलाने के लिये काफी है। उसको दांत निकलने के कारण जो दर्द हो रहा है उसमें मालिश कारगर साबित होगी। शिशु की मालिश करते समय उसके पैरों और सिर को हल्के हाथों से रगड़ना चाहिए ताकि बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता रहे और शिशु को आराम मिले और नींद भी अच्छी आए।
ज्यादा पानी पिलाएं
दांत आने पर बच्चे को अधिक से अधिक तरल पदार्थ देना जरूरी होता है। ब्रेस्ट मिल्क के अलावा भी बच्चे को तरल पदार्थ देना चाहिए। दांत निकलने के समय पर ब्रेस्ट मिल्क को पंप कर कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें और फिर शिशु को पिलाएं। थोडा ठंडा दूध पीने से बच्चे को रिलैक्स महसूस हो सकता है। जैसे दांत की सर्जरी के बाद अक्सर डॉक्टर आइस्क्रीम खाने के लिए कहते हैं, ठीक वैसे ही ठंडा दूध पीने से भी बच्चे को दांतों में आराम मिलता है।
दूध के दांत के कष्ट से दिलाये राहत बबूने का फूल
बबूने का फूल एक वर्ष से अधिक उम्र के शिशुओं में दाँत निकलने की परेशानी में बहुत मदद कर सकता है। इसमें सूजन को कम करने वाले गुण हैं जो कि दर्दनाक नसों को आराम देने में मदद करते हैं। आधा चम्मच सूखे कैमोमाइल फूलों को एक कप गर्म पानी में मिलाएं। इसको छाने और इस चाय का एक छोटा चम्मच अपने बच्चे को हर एक या दो घण्टे बाद दें।
शिशु को दें तरल आहार
शिशु के जब दांत निकलते हैं ऐसे समय में उन्हें ज्यादा से ज्यादा तरल चीजें पीने के लिए दें। संभव हो तो मां अपने दूध को निकालकर बच्चे की बोतल में रखकर ठंडा कर पिला सकती है। देखा गया है कि हल्की ठंडी चीजें मसूड़ों पर लगने पर बच्चों को दर्द से राहत मिलती है।
शहद चटाएं
शहद में एंटीबैक्टीकरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिस वजह से घाव को भरने और चोट से जल्दी आराम दिलाने में शहद बहुत उपयोगी होता है। शिशु को शहद चटाने से दर्द से राहत मिलती है जिससे मसूड़ों में सूजन में भी कमी आती है। शिशु थोडा सा शहद चटाएं।
केला से करें शिशु के दांत के दर्द का घरेलू उपचार
बुखार में हमें दस्त, उल्टी, पसीना जैसी परेशानियां भी होती हैं जिनसे राहत पाने के लिए केले का सेवन करना फायदेमंद है। बच्चों को ताजे फलों के रस का सेवन करवाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है। ताजे फल जैसे संतरे, तरबूज, अनानास, कीवी आदि में विटामिन-सी और एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं।
शिशु को दें अच्छी नींद
दांत निकलते वक्त शिशु को बहुत दर्द होता है, जिसके कारण वह तड़प भी जाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि अगर शिशु सो रहा है तो उसे जबरदस्ती जगाने का प्रयास न करें। शिशु जितना ज्यादा सोएगा उतना ही उसे दर्द भी कम होगा और वह खुश भी रहेगा।
दांत निकलने के दर्द से दिलाये राहत नारियल पानी
कुछ बीमारियों के दौरान शरीर में पानी की कमी देखी जाती है। बुखार में अधिक पसीना निकलना, उल्टी होना और दस्त की समस्या होती है, जिनके वजह से पानी की कमी हो जाती है। इसलिए बुखार के दौरान नारियल पानी पीना बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट्स दोनों मौजूद होते हैं, साथ ही साथ नारियल पानी स्वादयुक्त और मीठा भी होता है, जिसे बुखार के दौरान आप आसानी से पी लेते हैं।
डॉक्टर से बात करें
ऐसा जरूरी नहीं है कि हर बच्चे को घरेलू नुस्खों से आराम मिले। इसलिए बेहतर होगा कि आप दांत निकलने पर आप डॉक्टर से बात करते रहें और उनसे दर्द को कम करने के तरीकों के बारे में पूछें। बच्चों को कोई भी चीज डॉक्टर से पूछे बिना न दें।
इन लक्षणों पर रखें खास नजर
बच्चे बचपन में कई रोगों की चपेट में आ जाते हैं। पीलिया, कब्ज, दस्त और पेट में दर्द होना, सिर, हथेलियां, पैर के तल्वे गर्म रहना, बच्चे द्वारा दीवार पर या किसी चीज़ में बार बार सिर मारना, काटना जैसी समस्याएं। यह समस्या बच्चे की उस उम्र में अधिक देखने को मिलती है जब शिशु के दांत निकलना शुरु हो रहे होते हैं।
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