सावधान! इन 4 लोगों के लिए सहजन का सेवन हो सकता है हानिकारक

गर्मियों के मौसम में बाजार में कई प्रकार की पोषक सब्जियां देखने को मिलती हैं, जिनमें सहजन (ड्रमस्टिक) भी शामिल है। सहजन को प्रोटीन और अन्य जरूरी पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत माना जाता है, जो शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से इम्युनिटी बढ़ती है और स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है। हालांकि, हर चीज के फायदे के साथ कुछ सावधानियां भी जरूरी होती हैं। कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों में सहजन का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। जैसे हर फल या सब्जी में गुण और अवगुण होते हैं, उसी तरह सहजन के भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। आइए जानें कि किन लोगों को सहजन से परहेज करना चाहिए और क्यों इसे कुछ मामलों में खाने से बचना जरूरी होता है।
प्रेग्नेंट महिलाएं
गर्भवती महिलाओं को सहजन का सेवन करने से बचना चाहिए, खासकर शुरुआती महीनों में। इसका कारण इसकी गर्म तासीर है, जो शरीर में गर्मी बढ़ा सकती है और गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकती है। इससे गर्भपात का खतरा भी हो सकता है। खासतौर पर सहजन की छाल, जड़ और फूलों का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके अलावा, जिन महिलाओं को हैवी पीरियड्स या यूटेराइन ब्लीडिंग की समस्या होती है, उन्हें भी सहजन से दूरी बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि यह ब्लड फ्लो को और अधिक बढ़ा सकता है।
लो ब्लड प्रेशर (Low BP) वाले लोग
सहजन का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें रक्तचाप को तेजी से कम करने वाले तत्व पाए जाते हैं। लेकिन यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही लो बीपी की समस्या है, तो इसका सेवन उनकी स्थिति को और भी बिगाड़ सकता है। लो बीपी में चक्कर आना, थकान, बेहोशी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे लोगों को डॉक्टर से सलाह लिए बिना सहजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
गैस्ट्रिक और अल्सर के मरीज
सहजन में ऐसे तत्व होते हैं जो कुछ लोगों में एसिडिटी या गैस बढ़ा सकते हैं। यदि आपको पेट में अल्सर, गैस, या पाचन संबंधी कोई गंभीर समस्या है, तो इसका सेवन आपकी स्थिति को और खराब कर सकता है। सहजन कुछ लोगों के पाचन तंत्र में जलन या दर्द पैदा कर सकता है, खासकर अगर यह अधिक मात्रा में या खाली पेट खाया जाए। अल्सर के मरीजों को खासतौर पर इससे दूर रहना चाहिए।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं
सहजन का सेवन स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी सावधानी से करना चाहिए। इसकी कुछ जैविक सक्रिय तत्व मां के दूध के माध्यम से शिशु के शरीर में जा सकते हैं, जिससे नवजात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। खासकर यदि मां किसी दवा का सेवन कर रही हो या बच्चे को पाचन संबंधी कोई समस्या हो, तो सहजन के सेवन से पहले डॉक्टर से राय लेना जरूरी होता है। बच्चे की सेहत को ध्यान में रखते हुए, इस दौरान संतुलित और हल्के आहार को प्राथमिकता देना ज्यादा अच्छा होता है।