अस्थमा के मरीजों को पटाखों के धुएं से हो सकती है तकलीफ़, इस तरह रखें अपना खास ख्याल

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दिवाली खुशियों का त्यौहार है, जिसे आज के दौर में पटाखे फोड़कर भी सेलिब्रेट किया जाता है। अब पटाखे फूटेंगे तो प्रदूषण तो होगा ही। पटाखों से निकलने वाला धुआं हवा को प्रदूषित करता है। यही प्रदूषण अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत घातक है। सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। ऐसे में इन मरीजों को अपना विशेष ध्यान रखने की जरुरत होती है।अगर आप भी अस्थमा पेशेंट है तो ऐसे में आप अपना खास ख्याल कैसे रख सकते हैं, आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताएंगे।

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हमेशा अपने साथ इनहेलर रखें

अस्थमा के मरीजों को बढ़ता प्रदूषण कभी भी सांस की समस्या पैदा कर सकता है। ऐसे में जान बचाने के लिए (इमरजेंसी) हमेशा अपने साथ इनहेलर रखें। इसका नियमित इस्तेमाल करें।

प्रदूषण वाली जगहों से दूर रहें

दिवाली में आप-हम जिन्हें अस्थमा की समस्या है, वे किसी भी व्यक्ति को पटाखे फोड़ने से रोक नहीं सकते। रोकने पर विवाद होगा सो अलग। ऐसे में कोशिश करें कि प्रदूषण वाली जगहों से दूर रहें। इन दिनों गांव का रूख कर सकते हैं, क्योंकि गांव में अपेक्षाकृत शहर के प्रदूषण कम होता है।

इस दौरान डाइट पर दें खास ध्यान

अगर, आप अस्थमा के मरीज हैं तो अपनी डाइट पर ध्यान दें। इस दौरान तेल से बनी चीजें, या तली चीजों को खाने से बचें। ज्यादा ऑयली और मसालेदार खाना एसिडिटी पैदा कर सकता है। जो आपके लिए सही नहीं है। इस दौरान फल, सब्जी इनमें भाजी का सेवन करें। खूब पानी ​पिएं।

घर पर धुएं वाली चीजों का कम करें इस्तेमाल

अस्थमा के मरीजों के लिए धुआं फिर चाहे पटाखों का हो या फिर धूप, अगरबत्ती और अन्य रासायनिक चीजों का, नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए घर में इन चीजों का कम इस्तेमाल करें।

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