सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है अरहर दाल, इन लोगों को करना चाहिए परहेज
कई बार हम अपनी सेहत के लिए कुछ खाद्य पदार्थों को हेल्दी समझकर नियमित रूप से उनका सेवन करते हैं, लेकिन इनका असल प्रभाव हमारी सेहत पर नकारात्मक भी हो सकता है। ऐसा ही कुछ अरहर दाल के साथ भी है। इस दाल में कई पोषक तत्व जैसे पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन होते हैं, जो एक स्वस्थ आहार का हिस्सा हो सकते हैं। लेकिन अगर इसका सेवन कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों वाले व्यक्तियों द्वारा किया जाए तो यह उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानते हैं कि किन लोगों को अरहर दाल से बचना चाहिए।
किडनी रोगी
किडनी की समस्या से ग्रस्त लोगों को अरहर दाल का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इसमें पोटेशियम की अधिकता होती है, जो किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है और किडनी फेलियर जैसी स्थिति को और गंभीर बना सकता है। इसके अलावा, किडनी रोगों में अक्सर पथरी की समस्या भी होती है और अरहर दाल का अधिक सेवन पथरी के निर्माण को बढ़ावा दे सकता है।
क्या करें?
किडनी रोगियों को कम पोटेशियम वाली दालों का सेवन करना चाहिए, जैसे मूंग दाल, मसूर दाल, आदि, जो उनकी सेहत को सुरक्षित रखें।
मोटापा
अरहर दाल में कैलोरी की मात्रा काफी अधिक होती है। यदि आप वजन घटाने के प्रयास में हैं और इसके साथ ही अरहर दाल का सेवन अधिक मात्रा में कर रहे हैं, तो यह आपके वजन को बढ़ाने का कारण बन सकता है। इसके अलावा, दाल में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की अधिकता शरीर में कैलोरी के रूप में जमा हो सकती है, जिससे वजन तेजी से बढ़ सकता है।
क्या करें?
वजन कम करने के लिए हल्की और कम कैलोरी वाली दालों का चयन करें, जैसे मूंग दाल और मसूर दाल। साथ ही, अपने आहार में व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियों को भी शामिल करें।
बवासीर
अरहर दाल में प्रोटीन की अच्छी खासी मात्रा होती है, लेकिन इसे पचाने में समय लगता है। यह पेट में गैस और कब्ज की समस्या पैदा कर सकता है। बवासीर (पाइल्स) के रोगियों को जब कब्ज की समस्या होती है, तो इससे मस्सों में सूजन और रक्तस्राव हो सकता है, जिससे पाइल्स की स्थिति और गंभीर हो सकती है। इसलिए, बवासीर के रोगी को अरहर दाल से बचना चाहिए।
क्या करें?
बवासीर के मरीजों को हल्की दालें जैसे मूंग दाल या तोरी का सेवन करना चाहिए, जो पचने में आसान होती हैं और कब्ज की समस्या से बचाती हैं।
ब्लड शुगर
अरहर दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) उच्च होता है, यानी यह रक्त में शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकता है। अगर एक व्यक्ति डायबिटीज का मरीज है और वह अधिक मात्रा में अरहर दाल का सेवन करता है, तो उसका शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
क्या करें?
डायबिटीज के रोगी को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली दालों का सेवन करना चाहिए, जैसे मसूर दाल, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती है।
एलर्जी
कुछ व्यक्तियों को अरहर दाल से एलर्जी हो सकती है। इस एलर्जी के कारण उनके शरीर में त्वचा पर रैशेज, खुजली, और लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अगर आपको अरहर दाल से एलर्जी है तो इसका सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह आपके शरीर में एलर्जी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है।
क्या करें?
अगर आपको अरहर दाल से एलर्जी है, तो अन्य दालों का सेवन करें, जैसे मूंग दाल या तूर दाल, जो कम एलर्जी कारक होते हैं। एलर्जी के लक्षणों से बचने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
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