क्या आपकी किडनी ठीक से काम कर रही है? जानिए घर पर पहचानने के 5 आसान तरीके

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खराब जीवनशैली का प्रभाव हमारी किडनी पर भी पड़ता है। कुछ गलत आदतों के कारण किडनी से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। किडनी शरीर में खून को फिल्टर करने और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। यदि किडनी में कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो शरीर में कुछ लक्षण उभरने लगते हैं। इन लक्षणों की पहचान करके आप अपनी किडनी की सेहत का पता लगा सकते हैं। किडनी की समस्या को नज़रअंदाज करना भारी पड़ सकता है, क्योंकि इसे 'साइलेंट किलर' कहा जाता है। इसलिए, किडनी से जुड़े लक्षणों पर ध्यान देना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि आपकी किडनी स्वस्थ है या नहीं।

नॉर्मल टॉयलेट आना

किडनी की सेहत का पहला संकेत टॉयलेट से जुड़ा होता है। यदि पेशाब करने में कोई समस्या नहीं है, तो आपकी किडनी ठीक है। किडनी खराब होने पर पेशाब के रंग में बदलाव आ सकता है या उसकी मात्रा असामान्य हो सकती है। सामान्य स्थिति में दिन में 4-6 बार पेशाब आना एक हेल्दी किडनी का संकेत होता है। अगर पेशाब में झाग आ रहा है, उसमें बदबू है, जलन हो रही है या बहुत अधिक बार पेशाब आ रहा है, तो यह किडनी से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।

शरीर में सूजन न होना

यदि शरीर में कहीं भी सूजन नहीं है, तो यह हेल्दी किडनी का संकेत है। किडनी के ठीक से काम न करने पर शरीर में पानी जमा होने लगता है, जिससे आंखों, पैरों और टखनों में सूजन आ सकती है। यह सूजन खासतौर पर सुबह उठने के बाद या लंबे समय तक बैठे रहने के कारण अधिक दिख सकती है। स्वस्थ किडनी शरीर से अतिरिक्त पानी और सोडियम को बाहर निकालने का काम करती है, जिससे सूजन नहीं होती। यदि अचानक सूजन दिखने लगे, तो डॉक्टर से परामर्श लें।

अच्छी नींद आना

किडनी की समस्या होने पर नींद प्रभावित हो सकती है। अगर आपकी नींद गहरी और संतोषजनक है, तो यह दर्शाता है कि आपकी किडनी सही तरीके से काम कर रही है। किडनी ठीक से काम न करने पर शरीर में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं, जिससे अनिद्रा की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, किडनी की खराबी स्लीप एपनिया का कारण भी बन सकती है, जिससे रात में बार-बार सांस रुकने की समस्या हो सकती है। यदि आपको पर्याप्त नींद आ रही है और सोने में कोई परेशानी नहीं हो रही, तो आपकी किडनी स्वस्थ हो सकती है।

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मांसपेशियों का रिलैक्स रहना

यदि मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द नहीं होता है, तो आपकी किडनी हेल्दी है। किडनी खराब होने पर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द हो सकता है। खासकर, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम के स्तर में गड़बड़ी आने से मांसपेशियों में खिंचाव और कमजोरी महसूस हो सकती है। स्वस्थ किडनी इन मिनरल्स को बैलेंस रखने का काम करती है, जिससे शरीर को जरूरी पोषण मिलता है और मांसपेशियों को सही से कार्य करने में मदद मिलती है। यदि आपको बार-बार मांसपेशियों में ऐंठन होती है, तो यह किडनी संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है।

साफ और स्वस्थ त्वचा

यदि आपकी त्वचा साफ और स्वस्थ है, तो इसका मतलब है कि आपकी किडनी भी सही से काम कर रही है। किडनी की बीमारी से खून साफ नहीं हो पाता, जिससे खुजली, ड्राय स्किन और अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। किडनी शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे त्वचा पर निखार बना रहता है। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे त्वचा रूखी, बेजान और खुजली वाली हो सकती है। अगर आपकी त्वचा में बिना किसी स्पष्ट कारण के बदलाव आ रहे हैं, तो यह किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है।

किडनी की जांच के लिए टेस्ट

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किडनी की सेहत जांचने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट कर सकते हैं:

यूरिनालिसिस (Urinalysis) – पेशाब में प्रोटीन, रक्त और अन्य असामान्य तत्वों की जांच के लिए।

यूरिन कल्चर (Urine Culture) – पेशाब में संक्रमण की संभावना को देखने के लिए।

वॉयडिंग सिस्टोयूरेथ्रोग्राम (Voiding Cystourethrogram) – मूत्र मार्ग में रुकावट या अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए।

डिजिटल रेक्टल टेस्ट (Digital Rectal Test) – प्रोस्टेट या मूत्राशय से संबंधित समस्याओं की जांच के लिए।

ब्लड कल्चर (Blood Culture) – खून में संक्रमण की जांच के लिए।

किडनी अल्ट्रासाउंड (Kidney Ultrasound) – किडनी के आकार और संरचना की जांच के लिए।

शुगर और बीपी टेस्ट (Sugar & BP Test) – डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का पता लगाने के लिए, जो किडनी की बीमारियों के मुख्य कारण होते हैं।

मेडिकल हिस्ट्री की समीक्षा – आपकी पिछली मेडिकल कंडीशन्स को समझकर किडनी की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए।


 

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