मानसून में हावी होते हैं वायरल और फ्लू, लक्षण दिखते ही आजमाएं ये घरेलू नुस्खें

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मानसून के इन दिनों में सेहत का ख्याल रख पाना एक बड़ी चुनौती बनता हैं। बरसात के समय में मच्छरों से होने वाली बीमारियों के साथ ही वायरल और फ्लू का डर बना रहता हैं। इन दिनों में इम्युनिटी थोड़ी कमजोर होती हैं जिस वजह से इन्फेक्शन और संक्रमण का खतरा ज्यादा बना रहता हैं। बारिश के इन दिनों में खांसी, बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन, एलर्जी, साइनस इन्फेक्शन या ठंड आदि बीमारियां होने का डर बना रहता हैं। अगर आपको बुखार हो जाए, कंपकंपी लगे, नाक बंद हो, गला दुखे, हाथ पैर में दर्द हो या मांसपेशियों में खिंचाव जैसे वायरल और फ्लू के लक्षण दिखे तो आपको जल्द घरेलू नुस्खों को आजमाने की जरूरत होती हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। ये नुस्खें आपको तुरंत राहत दिलाने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में-

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हल्दी वाला दूध
बचपन में सर्दियों में नानी-दादी घर के बच्चों को सर्दी के मौसम में रोज हल्दी वाला दूध पीने के लिए देती थी। हल्दी वाला दूध जुकाम में काफी फायदेमंद होता है क्योंकि हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं जो कीटाणुओं से हमारी रक्षा करते हैं। रात को सोने से पहले इसे पीने से तेजी से आराम पहुचता है. हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल प्रॉपर्टीज मौजूद रहती है जो की इन्फेक्शन से लडती है। इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज सर्दी, खांसी और जुकाम के लक्षणों में आराम पहुंचाती है। 

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शहद और काली मिर्च
अगर आप कफ और खांसी से परेशान हो गए है तो शहद और काली मिर्च को 1 चम्मच में मिक्स कर लें और खाकर सो जाएं। ध्यान रहे इसे खाने के बाद पानी भी नहीं पीना है और कुछ खाना भी नहीं है। दरअसल, शहद की तासीर गर्म होती है, और काली मिर्च की भी। यह शरीर में नेचुरल गर्मी पैदा करता है।

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च्यवनप्राश खाएं
च्यवनप्राश में कई सारी जड़ी-बूटियां शामिल होती है। इसका सेवन करने से शरीर का तापमान सामान्य रहता है। जिससे फ्लू और सर्दी जुकाम का खतरा टल जाता है। इसलिए प्रतिदिन दूध के साथ 1 चम्मच च्यवनप्राश का सेवन जरूर करना चाहिए। च्यवनप्राश को आयुर्वेद में एक औषधि के रूप में जाना जाता है।

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भाप लें
अगर आपको जुकाम खांसी की समस्या हो गई है, तो आपके लिए भाप लेने से बेहतर कोई दूसरा घरेलू उपाय नहीं है। भाप लेने से बंद नाक खुलती है और सांस की नली की सूजन भी कम होती है। आप चाहें तो नॉर्मल पानी की भाप लें या फिर पानी में कुछ बूंदें टी-ट्री ऑयल, यूकेलिप्टस ऑयल, लेमनग्रास ऑयल, लौंग का तेल भी डाल सकते हैं। भाप लेने से आपकी बंद नाक खुल जाएगी और सीने में जकड़न में भी आराम पड़ेगा।

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पुदीना और अजवाइन की भाप
अगर आपको बहुत अधिक खांसी या कफ हो रहा है तो आप गर्म पानी में पुदीने की पत्तियां या अजवाइन की पत्तियों की भाप लें। इससे तुरंत आराम मिलेगा। सर्दी-खांसी होने पर अदरक की चाय पीना नहीं भूलें। और स्वास्थ्य के लिहाज से चाय में शक्कर की जगह गुड़ का इस्तेमाल करें।

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तुलसी का काढ़ा
आयुर्वेद में तुलसी का विशेष महत्व होता है। इम्यूनिटी बूस्ट करने से लेकर कई बीमारियों को दूर करने में तुलसी का इस्तेमाल होता है। इसके सेवन से आप वायरल फीवर को दूर रख सकते हैं। साथ ही इससे आपको वायरल फीवर में होने वाली कई परेशानियों से राहत भी मिल सकता है। तुलसी का सेवन आप कच्चा चबाकर भी कर सकते हैँ। इसके अलावा तुलसी काढ़ा भी पिया जा सकता है। तुलसी का काढ़ा बनाने के लिए 1.5 कप पानी लें। अब इस पानी में 10 से 12 तुलसी की पत्तियां डालकर इसे तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए। इसके बाद इसे एक कप में छानकर इसमें शहद मिलाकर पिएं। इससे वायरस फीवर से छुटकारा मिल सकता है।

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गर्म पानी और नमक से गरारे
गर्म पानी में चुटकी भर नमक मिला कर गरारे करने से खांसी-जुकाम के दौरान काफी राहत मिलती है। इससे गले को राहत मिलती है और खांसी से भी आराम मिलता है। यह भी काफी पुराना नुस्खा है।

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