हेल्दी लंग्स के लिए बेस्ट हैं ये योगासन, होंगी कई बीमारियां भी दूर
बदलते मौसम, स्मॉग और प्रदूषण के कारण आजकल लोग कई बीमारियाों से ग्रसित होते जा रहे है। इनमें सबसे ज्यादा फेफड़ों से जुड़ी दिक्कते हैं। फेफड़ों को हेल्दी रखना बहुत जरूरी है क्योंकि शरीर के इस हिस्से में संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है। देखा जाए तो कोविड के इस दौर में इम्यूनिटी के कमजोर होने पर फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। आज के वातावरण के अलावा हमारी जीवन शैली, खान-पान की आदत और तनाव जैसी चीजें भी फेफड़ों संबंधी समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। वैसे लंग्स की हेल्थ के लिए डॉक्टर या विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए, लेकिन क्या आ जानते हैं फेफड़ों को योग के जरिए हेल्दी और फिट रखा जा सकता है।
योग फिट रहने का एक प्राचीन तरीका है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। नियमित तौर पर योगासन करने से चेस्ट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही फेफड़ों की कार्यक्षमता का विकास होता है। तो आइए जानते हैं कौन से है वो योगासन जिन्हें नियमित तौर पर करके फेफड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
शलभासन
कंधों के नीचे हथेलियों से पेट के बल लेटें. अपने पैरों को एक साथ रखें और पैर की उंगलियों को बाहर की तरफ. श्वास लें और दाहिने हाथ को ऊपर उठाएं और बाएं पैर को पीछे ले जाएं। अपने घुटनों को सीधा रखें, जैसे ही आप अपना सिर और छाती ऊपर उठाते हैं. सांस छोड़ते हुए अपने धड़ को नीचे लाएं और दूसरी तरफ से भी इसे इसी तरह से दोहराएं। इस योगासन को नियमित रूप से करने से रेस्पिरेटरी से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं इससे करने से मांसपेशियों को आराम भी मिलता है।
मत्स्यासन
इस आसन को करने के लिए कमर के बल लेट जाएं. हाथों और पैरों को शरीर के साथ जोड़ें. हाथों को कूल्हों के नीचे रखें, हथेलियां जमीन पर रखें। अब अपने घुटनों को मोड़ें और सांस लेते हुए अपने सिर और छाती को ऊपर उठाएं। अब छाती को ढीला रखते हुए अपने सिर को इस तरह नीचे करें कि आपके सिर का ऊपरी हिस्सा जमीन को छुए। अब अपने हाथों और पैरों को ऊपर की ओर लाएं और उन्हें आपस में मिला लें। आपके हाथ और पैर एक दूसरे के समानांतर होने चाहिए। इस आसन को करने से श्वसन तंत्रों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
सुखासन
आसन पर आलथी पालथी लगाकर बैठें. हाथों को गोद में या घुटनों पर रखें. पीठ, गर्दन और सिर सीधा रखें। आंखों को बंद करें और इस अवस्था में अनुभव करें कि शरीर में स्थित सातों चक्रों से ऊर्जा निकल रही है और आपको उसका लाभ मिल रहा है। जितनी देर इस मुद्रा में बैठ सकें, उतनी ही देर बैठें। कहते हैं कि ये मांसपेशियों को मजबूत और ऑक्सीजन के संचार को बढ़ाने में कारगर माना जाता है।
धनुरासन
इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं. अपने घुटनों को मोड़ें और कमर के पास ले जाएं। अपने हाथों का इस्तेमाल अपनी टखनों को पकड़ने के लिए करें. सांस अंदर लें और अपनी छाती को ऊपर उठाने की कोशिश करें और अपने पैरों को पीछे और ऊपर खींचे। सीधे देखें और अपनी सांस पर ध्यान दें। इस दौरान धीरे -धीरे सांस छोड़े और लें. इस आसन को करने से आपकी श्वास नलिकाओं में खिंचाव होगा।
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