इन 5 कारणों से नहीं बढ़ रहा है आपके बच्चे का वजन, ऐसे करें पोषण की कमी को पूरा

बच्चे के वजन को लेकर हर मां काफी परेशान रहती हैं। आखिर, यही उम्र होती है जब बच्चे का सही तरह से विकास होता है। इस उम्र में अगर बच्चे का वजन कंट्रोल में न रहे या वह अंडरवेट हो जाए, तो इससे न सिर्फ उसकी ग्रोथ पर फर्क पड़ता है। यहां तक कि उसका मानसिक और इमोशनल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी हो जाती है कि वे बच्चे के बढ़ते या घटते वजन पर नजर रखें। अगर किसी वजह से उसका वजन बढ़ना रुक गया है, तो इसे हल्के में न लें। वजन न बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।
कैलोरी की कमी होना
यह बात तो आप जानते ही होंगे कि वेट लॉस के लिए सबसे जरूरी है कि कैलोरी इनटेक कम लिया जाए। आपने जितनी कैलोरी का इनटेक लिया है, अगर उसे रेगुलर बर्न करते हैं, तो इससे वजन निंयत्रण में रहता है। ठीक इसी तरह, अगर आपका बच्चा ओवर एक्टिव रहता है, तो उसके शरीर से जरूरत से ज्यादा कैलोरी बर्न हो जाती है। ऐसा होना सही नहीं है। इसी वजह से बच्चे का वजन बढ़ नहीं पाता है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने एक्टिव बच्चे को कैलोरी-रिच फूड दें।
आयरन की कमी होना
वजन न बढ़ने का एक बड़ा कारण बच्चे में आयरन की कमी हो सकती है। आयरन के स्तर में आई कमी भी हो सकती है। शरीर में आयरन की कमी होने पर बच्चे को भूख नहीं लगती, अक्सर थका-थका महसूस होता है और बच्चा ज्यादा एक्टिव भी नजर नहीं आता है। इस तरह की सिचुएशन में पेरेंट्स चाहिए वे बच्चे को आयरन रिच डाइट दें, ताकि उसकी कमजोरी दूर होने में मदद मिले और बच्चे का वजन बढ़ सके। इसके बाद डाइट में पौष्टिक चीजों को शामिल करें, जो उन्हें वजन बढ़ाने में और भी ज्यादा मदद कर सकता है। पेरेंट्स बच्चों की डाइट में विटामिन-सी चीजें भी शामिल करें। इससे आयरन अब्जॉर्पशन में मदद मिलती है।
बहुत ज्यादा लिक्विड डाइट देना
आमतौर पर वजन कम करने की चाह रखने वाले लोग अपनी डाइट लिक्विड चीजों को ज्यादा शामिल करते हैं। अगर आप भी अपने बच्चे को ठोस आहार के बजाय, लिक्विड चीजें देते हैं, तो इससे बच्चे के वजन पर बुरा असर दिखता है। लिक्विड डाइट की वजह से बच्चे का न तो वजन बढ़ता है और न ही उसकी फिजिकल-मेंटल ग्रोथ ही सही तरह से हो पाती है।
दिनभर सिर्फ रोटी या चावल खिलाना
कई घरों में बच्चे को तीन वक्त का ही खाना दिया जाता है। इस दौरान बच्चे को रोटी या चावल के साथ सब्जी दी जाती है। जबकि बच्चे का वजन बढ़ने और ग्रोथ के लिए जरूरी है कि बच्चों को पांच बार खाना खिलाया जाए। तीन बार मेन कोर्स और दो बार स्नैक्स। स्नैक्स के तौर पर बच्चे को फल और घर के बने हेल्दी स्नैक्स देने चाहिए। जबकि, ज्यादातर मांएं ऐसा नहीं करतीं। नतीजतन बच्चों की डाइट बैलेंस नहीं रह जाती है, जो कि उनके वजन के कम होने का कारण बनती है। पेरेंट्स अपने बच्चे की डाइट को बैलेंस रखने की कोशिश करें।
वजन न बढ़ने के अन्य कारण
बच्चों का वजन सिर्फ खराब डाइट की वजह से ही नहीं रुकता है, बल्कि इसके पीछे कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। इसमें जेनेटिक्स, खराब स्लीपिंग पैटर्न, फिजिकल एक्टिविटी ज्यादाकरना और बॉडी हाइड्रेट न रहना, जैसे कुछ कारण शामिल हैं। पेरेंट्स को बच्चे के वेट गेन पर काम करते हुए, इन फैक्टर्स को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।