नेपाल में कोविड के मामले बढ़ने के साथ ऑक्सीजन की मांग बढ़ी

नेपाल में कोविड के मामले बढ़ने के साथ ऑक्सीजन की मांग बढ़ी
काठमांडू। नेपाल में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही अस्पतालों में अधिक संख्या में भर्ती मरीजों की जरूरत पूरी करने के लिए ऑक्सीजन की मांग बढ़ रही है।

नॉर्विक इंटरनेशनल हॉस्पिटल के वरिष्ठ प्रबंधक (कॉर्पोरेट संचार और जनसंपर्क विभाग) सोमनाथ बस्तोला ने कहा, हमारे अस्पताल में भर्ती किए गए कोविड-19 के अधिकांश मरीजों को बोतलबंद ऑक्सीजन का सहारा देने की जरूरत पड़ रही है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 से अधिक मरीजों को नॉर्विक में भर्ती कराया गया है और अस्पताल ने कोरोनोवायरस रोगियों के लिए बेड बढ़ाने की योजना बनाई है।

नेपाल की पूर्व महारानी कोमल शाह पिछले कुछ दिनों से काठमांडू स्थित नॉर्विक इंटरनेशनल अस्पताल की एक गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में कोविड-19 का इलाज करवा रही हैं।

बस्तोला ने रविवार को सिन्हुआ को बताया कि जब प्लाज्मा थेरेपी से उपचार वांछित परिणाम नहीं ला सका, तब उन्हें आईसीयू में ले जाया गया, जहां उन्हें उच्च प्रवाह ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया।

पूर्व महारानी और उनके पति पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने अप्रैल के अंत में भारत की यात्रा से वापसी के बाद जांच कराई तो पॉजिटिव पाए गए। उनकी बेटी प्रेरणा भी कोविड-19 के संक्रमण का इलाज उसी अस्पताल में करा रही है।

पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल को शनिवार को नॉर्विक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बस्तोला के अनुसार, उनका इलाज बोतलबंद ऑक्सीजन के सहारे किया जा रहा है।

काठमांडू के कई अन्य अस्पतालों ने भी रिपोर्ट की है कि उनके यहां कोरोनोवायरस रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण बेड की कमी पड़ने लगी है, और अधिकांश रोगियों को बाहर से ऑक्सीजन का सहारा देने की जरूरत पड़ रही है।

काठमांडू स्थित शुक्रराज ट्रॉपिकल एंड इंफेक्शियस डिजीज हॉस्पिटल ने 78 मरीजों को भर्ती किया है, जबकि उसकी क्षमता 60 मरीजों को रखने की है। इसी तरह काठमांडू के अन्य अस्पतालों में भी क्षमता से अधिक मरीज भर्ती हैं।

अस्पताल के निदेशक सागर कुमार राजभंडारी ने शनिवार को कहा, लगभग सभी रोगियों की स्थिति गंभीर है और हमारे अस्पताल में भर्ती किए गए कोविड-19 के सभी मरीजों को अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।

काठमांडू के अस्पताल ऐसे रोगियों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जिनकी स्थिति गंभीर नहीं है या जिन्हें बोतलबंद ऑक्सीजन का सहारा देने की जरूरत नहीं है।

राजभंडारी ने कहा, हम गैर-गंभीर रोगियों को अपने घर में ही अलगाव में रहने का सुझाव दे रहे हैं।

देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल काठमांडू स्थित त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में 144 बेड हैं, जो मरीजों से भरे हुए हैं। उनमें से 21 का आईसीयू में इलाज चल रहा है। अस्पताल में कोविड-19 प्रबंधन समिति के समन्वयक शांता कुमार दास ने कहा, इस समय सभी आईसीयू बेड और ऑक्सीजन बेड पर कोविड-19 रोगियों का कब्जा है। लगभग 90 प्रतिशत कोरोनो रोगियों को बोतलबंद ऑक्सीजन दी जा रही है।

--आईएएनएस

एसजीके

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