बाइडेन ने लीना खान को एफटीसी आयुक्त मनोनीत किया

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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रमुख टेक एंटी-ट्रस्ट कार्यकर्ता लीना खान को फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) की आयुक्त पद के लिए मनोनीत करने की घोषणा की है।

यदि पुष्टि हो जाती है, तो कोलंबिया लॉ स्कूल में पढ़ीं 32 वर्षीय लीना, तीन एफटीसी डेमोकेट्रिक कमिश्नरों में सबसे कम उम्र की कमिश्नर होंगी, जिनके जिम्मे गोपनीयता, डेटा सुरक्षा और एंटीट्रस्ट जैसे काम होंगे। वह इस पर भी निर्णय ले सकती हैं कि क्या अमेजॅन के खिलाफ एक एंटीट्रस्ट मुकदमा लाया जाए, जिसकी जांच एफटीसी कर रही है।

लीना खान ने 2017 में येल लॉ जर्नल के लिए एक लेख लिखा था, जिसका शीर्षक था अमेजॅन्स एंटीट्रस्ट पैराडॉक्स जो वायरल हो गया।

द वर्ज की रिपोर्टों के मुताबिक, लीना ने टेक इंडस्ट्री में एंटीकॉम्पेटिटिव बिहेवियर की अपनी सालों पुरानी जांच के दौरान एंटी-ट्रस्ट पर हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी की उपसमिति में सहयोगी के रूप में भी काम किया है।

नए एफटीसी प्रमुख के रूप में खान का मनोनयन ऐसे समय में आया है, जब नियामक और कानूनविद् बिग टेक की जांच कर रहे हैं।

हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी बुधवार को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी से उनके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर गलत जानकारी दिए जाने के बारे में पूछताछ करेगी।

लीना येल में अभी भी कानून की छात्रा हैं। उन्होंने जनवरी, 2017 में अमेजॅन्स एंटी-ट्रस्ट पैराडॉक्स शीर्षक से 96 पृष्ठों का एक आलेख लिखा था, जो येल लॉ जर्नल में प्रकाशित हुआ था।

मोटे तौर पर, लीना खान का तर्क यह है कि पुराने अविश्वास के ढांचे की इंटरनेट युग में अहमियत तय करने की जरूरत है। वह मानती हैं कि उपभोक्ता अधिशेष तर्क अकेले पर्याप्त या कभी बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होता।

प्रौद्योगिकी और प्रतियोगिता नीति पर काम करने के लिए लीना खान का नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल में मनोनयन कोलंबिया के प्रोफेसर टिम वू की नियुक्ति के बाद हुआ है।

वू और लीना ने मिलकर एक बौद्धिक रचना की, जो 2016 में डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव के बाद प्रगतिशील अविश्वास बहाली का हस्ताक्षर गान बन गई थी।

--आईएएनएस

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