यह तमाशा वैश्विक आतंकवाद विरोधी की उपलब्धियों को कुचल रहा है
नि:संदेह तथाकथित उइगुर स्पेशल कोर्ट वास्तव में चीन विरोधी साधन है। ध्यान देने की बात यह है कि तथाकथित उइगुर स्पेशल कोर्ट की दूसरी सुनवाई 11 सितंबर आतंकी हमले की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित हुई। चीन विरोधी शक्ति ने चीन के शिनच्यांग मामले पर चीन को बदनाम किया। यह न केवल चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप है, बल्कि विश्व आतंकवाद विरोधी उपलब्धियों को खुलेआम रौंदा गया है।
झूठ सच को छुपा नहीं सकता। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय स्पष्ट रूप से चीन विरोधी पश्चिमी ताकतों की गणना को देखता है, जिन्होंने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोहरे मानदंड को अपनाया है और शिनच्यांग पर कीचड़ फेंका है।
दुनिया पहले ही देख चुकी है कि तथाकथित उइगुर स्पेशल कोर्ट वास्तव में अमेरिकी और पश्चिमी ताकतों द्वारा राजनीतिक हेरफेर का एक मोहरा है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह कैसा प्रच्छन्न है, यह छद्म अदालत की प्रकृति को बदल नहीं सकता है।
(साभार --- चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
--आईएएनएस
एएनएम
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