ईद पर रिलीज हो रही हैदर काजमी की जिहाद
फिल्म, जिसे सेंसर को मंजूरी देने में परेशानी हुई थी, कश्मीर मुद्दे पर आधारित है। इसे राकेश परमार द्वारा निर्देशित किया गया है। उन्होंने कश्मीर के संवेदनशील स्थानों जैसे कुपवाड़ा, चरार-ए-शरीफ, दूध गंगा और युसमर्ग पर फिल्म की शूटिंग की है।
काजमी ने कश्मीर के स्थानीय कलाकारों को वर्कशॉप भी दी और फिल्म के 80 प्रतिशत से अधिक किरदार इन्हीं अभिनेताओं ने निभाए।
काजमी की जिहाद को आउट ऑफ द कैन फिल्म फेस्टिवल, लॉस एंजिल्स इंडिपेंडेंट फिल्म फेस्टिवल, ग्लोबल रिवोल्यूशनरी फिल्म फेस्टिवल और टोरंटो इंटरनेशनल नॉलिवुड फिल्म फेस्टिवल से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार सहित 35 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। फिल्म का प्रीमियर 2018 में कान फिल्म समारोह में किया गया था।
काजमी ने फिल्म के लिए जिहाद शीर्षक हासिल करने के लिए एक साल तक संघर्ष किया, क्योंकि यह विवादास्पद अर्थ रखता है। वह कहते हैं, जिहाद का मतलब है अपने अंदर के क्रोध और शैतान को मारना, और कुछ नहीं। सेंसर बोर्ड ने उनकी फिल्म को दो बार मना कर दिया लेकिन उन्होंने सुनिश्चित किया कि तीसरी बार उन्होंने सभी मानदंडों को पारित किया है।
जिहाद मस्तानी और हंगामा प्ले पर रिलीज होगी।
--आईएएनएस
एमएसबी/आरजेएस
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