जानिए माघ पूर्णिमा का पौराणिक महत्त्व, भगवान विष्णु की पूजा करने पर मिलता है मनचाहा फल  

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वाराणसी। धार्मिक व पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ मास को अत्यंत हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। भारतीय संस्कृति के सनातन धर्म में माघी पूर्णिमा का पर्व माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जब कर्क राशि में चंद्रमा और मकर राशि में सूर्य का प्रवेश होता है तब यह संयोग बनता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का भी विधान है जो अत्यंत फलदायी माना गया है। 

कब होता है माघ पूर्णिमा
ज्योतिषविदों के अनुसार हर मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा तिथि होती है और उसी तिथि से नए महीने की शुरुआत होती है। इस इस साल माघ पूर्णिमा तिथि 26 फरवरी शुक्रवार को दिन में 3:50 पर लग रही है, जो अगले दिन 27 फरवरी शनिवार को दिन में एक बजकर 43 मिनट तक रहेगा। मघा नक्षत्र के नाम पर ही इस माह का नाम माघ पड़ा है। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने पर सुख सौभाग्य और अभीष्ट का योग पूरे साल बना रहता है। आज के दिन श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा अर्चना, व्रत आदि एवं कथा का आयोजन भी किया जाता है। इतना ही नहीं जिन लोगों को चंद्रमा की अंतर्दशा, महादशा, प्रयत्नदर्शा यदि विपरीत हो तो उन्हें इस दिन व्रत उपवास रखकर चंद्रमा की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए, जिससे कि उनकी महादशा और अंतर्दशा ठीक हो सके। 

कैसे करें पूजा
व्रतकर्ता को प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए। ततपश्चात समस्त दैनिक कृतियों से निवृत्त होकर अपने आराध्य देवी देवता की पूजा अर्चना करना चाहिए। उसके बाद माघ पूर्णिमा के व्रत का संकल्प लेना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा नदी या सरोवर में स्नान करके अपने आराध्य देवी देवता की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा विधि विधान पूर्वक अवश्य करनी चाहिए। आज के ही दिन गोदान का भी विशेष महत्व बताया गया है।

पवित्र नदियों में स्नान का महत्व 
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व है।  ऐसी मान्यता है कि  माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है जिससे सुख सौभाग्य और धन-संतान के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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