जानिए गायत्री मंत्र का अर्थ और इसे जपने के क्या-क्या लाभ है?

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हर कोई अपने इष्ट देवी-देवताओं की अलग-अलग मंत्रों का जाप कर पूजा करता है। बहुत सारे मंत्र ऐसे भी है जो बहुत प्रभावी भी होते हैं, ऐसा ही एक मंत्र है 'गायत्री मंत्र', जिसके जाप मात्र से इंसान की सारी बाधाओं का अंत हो जाता है। आइये आज आपको गायत्री मन्त्र के अर्थ और इसे जपने से होने वाले लाभ के बारे में बताते है।
 

गायत्री मंत्र:

ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

गायत्री मंत्र का अर्थ :

प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का हम ध्यान करते हैं, ईश्वर का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

 

गायत्री मंत्र जाप करने का समय

वैसे मां की पूजा तभी होती है, जब आप उन्हें सच्चे मन से याद करें और उसके लिए कोई समय निश्चित नहीं है ,लेकिन फिर भी धर्मशास्त्रों में गायत्री मंत्र के जाप का तीन समय बताया गया है। पहला समय: सूर्योदय से पहले यानी भोर में दूसरा समय: दोपहर के वक्त तीसरा समय: सूर्यास्त के बाद
 
गायत्री मंत्र के लाभ

मां गायत्री का रूप सरस, मोहक और अनुपम है, मां की साधना करने से जातक भयमुक्त, चिंतामुक्त, क्रोधमुक्त और कर्जमुक्त हो जाता है। मां गायत्री अपने भक्तों को धैर्य, साहस और ऊर्जावान बनाती हैं। गायत्री मंत्र के जाप से इंसान के सारे दुख और भय समाप्त हो जाता है। इंसान के उत्साह और साहस में वृद्धि होती है। इंसान खुश, सुखी और वैभव प्राप्त करता है।
 

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